लखनऊ, 8 दिसंबर 2024
वीरांगना अवंतीबाई जिला महिला चिकित्सालय में रविवार को पल्स पोलियो अभियान और विटामिन ए सम्पूरण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन विधान परिषद सदस्य श्री मुकेश शर्मा और जिलाधिकारी श्री सूर्य पाल गंगवार ने शून्य से पांच साल तक के बच्चों को पोलियो रोधी दवा पिलाकर किया।
पोलियो उन्मूलन और विटामिन ए की महत्ता पर जोर
श्री मुकेश शर्मा ने कहा कि पल्स पोलियो अभियान के तहत बच्चों को “दो बूंद जिंदगी की” दी जाती है, जिससे पोलियो के संक्रमण से बचाव होता है। उन्होंने बताया कि भारत ने 1995 में पोलियो उन्मूलन अभियान की शुरुआत की और 2014 में देश को पोलियो मुक्त घोषित किया गया। हालांकि, संक्रमण को रोकने के लिए यह अभियान लगातार जारी है। इसके साथ ही, नौ माह से पांच साल तक के बच्चों को विटामिन ए की खुराक दी जा रही है, जिससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।
2783 बूथों पर दवा पिलाने का लक्ष्य
जिलाधिकारी श्री सूर्य पाल गंगवार ने बताया कि अभियान के पहले दिन शून्य से पांच साल तक के बच्चों को 2783 बूथों के माध्यम से पोलियो की दवा पिलाई गई। सोमवार से स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर बच्चों को दवा पिलाना सुनिश्चित करेंगे। जनपद में सात लाख से अधिक बच्चों को पोलियो रोधी दवा पिलाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने जनता से अपील की कि वे अपने बच्चों को पोलियो से बचाव की दवा अवश्य पिलाएं।
प्रदेश स्तर पर अभियान का व्यापक लक्ष्य
राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. अजय गुप्ता ने बताया कि पूरे प्रदेश में 3.29 करोड़ बच्चों को पोलियो से बचाव की दवा पिलाने का लक्ष्य है। अभियान के पहले दिन 1,10,648 बूथों पर दवा पिलाई गई। पड़ोसी देशों जैसे पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पोलियो के मामले अभी भी देखे जा रहे हैं, इसलिए सतर्कता आवश्यक है।
मॉप-अप राउंड से बच्चों को कवर करने की योजना
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एन.बी. सिंह ने बताया कि जिन बच्चों को रविवार को दवा नहीं पिलाई जा सकी, उन्हें सोमवार से शुक्रवार तक घर-घर जाकर दवा दी जाएगी। इसके अलावा, 16 दिसंबर को मॉप-अप राउंड चलाकर बचे हुए बच्चों को कवर किया जाएगा।
उद्घाटन समारोह में प्रमुख हस्तियां शामिल
इस मौके पर बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. सुशील प्रकाश, लखनऊ मंडल के अपर निदेशक डॉ. जी.पी. गुप्ता, जिला महिला चिकित्सालय की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मधु गैरोला, और कई अन्य स्वास्थ्य अधिकारी उपस्थित रहे। इसके अलावा, यूनिसेफ, विश्व स्वास्थ्य संगठन और अन्य सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।
