रायबरेली के गदागंज थाना क्षेत्र में 20 अगस्त को एक व्यापारी से पैसों की लूट हुई थी, जिसके बाद ईमानदारी का परिचय देते हुए दूसरे व्यापारी दीपू को लूट का बैग मिला। दीपू ने बैग को पुलिस के हवाले करने के लिए थाने में जमा कराने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उल्टा उन्हीं पर लूट का आरोप लगाकर जेल भेज दिया। हालांकि, रविवार को कोर्ट ने दीपू को निर्दोष मानते हुए रिहा कर दिया है।
इस घटना के बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर कड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने फेसबुक पर एक पोस्ट के जरिए इस मामले को उठाया और पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए। प्रियंका ने लिखा, “रायबरेली में जनसुविधा केंद्र संचालक रवि चौरसिया के साथ आठ लाख की लूट हुई। बदमाशों ने रुपयों से भरा बैग छीनकर भागने के दौरान सड़क किनारे फेंक दिया। बैग दीपू नाम के व्यापारी को मिला, जो बैग को थाने में जमा कराने गए, लेकिन पुलिस ने उन्हें ही आरोपी बना दिया और जेल भेज दिया।”
प्रियंका गांधी ने आगे लिखा, “व्यापारी विरोध में उतर आए, जिसके बाद मामले की जांच दूसरे थाने को सौंपी गई। जांच में दीपू को निर्दोष पाया गया और कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी। यूपी में निर्दोष को प्रताड़ित करना और अपराधियों को अभयदान देना प्रशासन का नया नियम बन गया है।”
इस घटना ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं, और व्यापारी समुदाय में आक्रोश व्याप्त है।





