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Mahakumbh 2025: एक छत के नीचे पांच देशों की संस्कृतियों का मिलन, विदेशी संतों की अनूठी साधना

प्रयागराज के महाकुंभ 2025 में इस बार सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विविधता का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। पांच देशों की संस्कृतियां और परंपराएं एक साथ संगम क्षेत्र में एक छतरी के नीचे गलबहियां करती नजर आएंगी।
इस अनूठे शिविर में जापान, रूस, यूक्रेन, भारत और नेपाल के साधु और भक्त अपनी-अपनी परंपराओं के साथ शामिल होंगे। जापान से आए 200 से अधिक बौद्ध अनुयायी योगमाता केको आइकावा उर्फ कैलानंद गिरि के मार्गदर्शन में सनातन धर्म के रंग में रंगेंगे। रूस और युद्धग्रस्त यूक्रेन से भी पूर्वी रूढ़िवादी धर्म के संत-भक्त, स्वामी विष्णुदेवानंद गिरि के नेतृत्व में यहां पहुंच रहे हैं।
श्रद्धा सेवा शिविर में नेपाल और भारत के साधु-गृहस्थ भी कल्पवास करेंगे। यहां विदेशी संतों के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं वाले आलीशान वुडेन कॉटेज तैयार किए गए हैं, जिनमें वातानुकूलित सत्संग कक्ष, मॉड्यूलर किचन और वाईफाई की व्यवस्था है।
10 बीघा में फैले इस शिविर में यज्ञ वेदी, लोक देवी मंदिर, और पूर्वजों की पूजा के लिए वेदियों की स्थापना की गई है। जापानी, रूसी और यूक्रेनी संत-भक्त भारतीय परंपराओं के साथ अपने धार्मिक अनुष्ठान करेंगे।
खप्पर बाबा के संयोजन में यह शिविर तैयार किया गया है। यहां शीशे की हवादार खिड़कियां, आरामदायक पलंग और आधुनिक प्रसाधन बनाए गए हैं। खास बात यह है कि मेला प्रशासन से किसी सुविधा का उपयोग नहीं किया गया है।
महाकुंभ 2025 में यह शिविर वैश्विक आध्यात्मिकता और संस्कृतियों का बेजोड़ प्रतीक बनेगा।
Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

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