लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बड़े दावों के साथ बना विपक्षी दलों का INDIA गठबंधन अब टूट की कगार पर है। लगभग सभी प्रमुख दल अब इस गठबंधन से किनारा कर चुके हैं या खुद के लिए अलग राह तलाश चुके हैं। इसी कड़ी में आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी अब खुद को इस गठबंधन से पूरी तरह अलग कर लिया है और बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को अकेले लड़ने का ऐलान किया है।
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक अनुराग ढांडा ने स्पष्ट किया है कि पार्टी अब किसी भी गठबंधन का हिस्सा नहीं है। उन्होंने कहा, “INDIA गठबंधन का गठन केवल लोकसभा चुनाव के लिए किया गया था। अब आम आदमी पार्टी अपने संगठन को राज्यों में मजबूत करने पर फोकस कर रही है और किसी राजनीतिक गठबंधन का हिस्सा नहीं है।”
दिल्ली और बिहार में बदली रणनीति
दिल्ली विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के साथ कोई तालमेल नहीं करने और सत्ता से बाहर हो जाने के बाद ‘आप’ ने अपनी चुनावी रणनीति में बड़ा बदलाव किया है। पार्टी ने देश के सभी राज्यों को दो हिस्सों में बांटा है।
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पहले हिस्से में वे राज्य हैं जहां पार्टी की स्थिति पहले से मजबूत है और जहां राष्ट्रीय नेतृत्व, जैसे कि अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया, सीधा हस्तक्षेप करेंगे। इसमें पंजाब, दिल्ली, गुजरात, गोवा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और असम जैसे राज्य शामिल हैं।
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दूसरे हिस्से में वे राज्य हैं जहां पार्टी की पकड़ अभी कमजोर है। वहां का स्थानीय नेतृत्व ही अपने फैसले लेने के लिए स्वतंत्र होगा। बिहार भी इसी कैटेगरी में आता है।
बिहार में सात चरण की ‘यात्रा’ से तैयारियों की शुरुआत
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए AAP ने अभी से जमीनी तैयारी शुरू कर दी है। अनुराग ढांडा के अनुसार पार्टी बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी। इसके लिए सात चरणों की यात्रा निकाली जा रही है, जिससे पार्टी सीधे जनता से जुड़ सके।
अभी तक यह यात्रा सीमांचल क्षेत्र में तीसरे चरण तक पहुंच चुकी है। इस दौरान पार्टी बूथ स्तर पर संगठन को मज़बूत करने और स्थानीय मुद्दों को समझने की कोशिश कर रही है। आप का फोकस आम लोगों से सीधे संवाद बनाना है, न कि गठबंधन के भरोसे रहना।

Author: Sweta Sharma
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