हेट स्पीच मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद मऊ सदर से सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता समाप्त कर दी गई है। अदालत द्वारा दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने उनकी सीट को रिक्त घोषित कर दिया है। रविवार को विशेष रूप से सचिवालय खोला गया और चुनाव आयोग को इसकी जानकारी भेज दी गई। अब मऊ विधानसभा सीट पर संभावित उपचुनाव की चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
अब्बास अंसारी पर वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान नफरती भाषण देने और आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप था। मामला मऊ की शहर कोतवाली का है, जहां एसआई गंगाराम बिंद की तहरीर पर FIR दर्ज की गई थी।
जानकारी के अनुसार, 3 मार्च 2022 को पहाड़पुर मैदान में एक चुनावी सभा के दौरान अब्बास अंसारी ने कहा था कि “मऊ प्रशासन से चुनाव के बाद हिसाब किया जाएगा और सबक सिखाया जाएगा।” इस बयान को नफरत फैलाने वाला और चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन माना गया। कोर्ट में लंबी सुनवाई के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट डॉ. केपी सिंह ने 31 मई को फैसला सुनाया और अब्बास अंसारी को दोषी करार देते हुए दो साल की सजा और 11 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।
इस मामले में अब्बास के साथी मंसूर अंसारी को भी धारा 120बी भादवि (आपराधिक साजिश) के तहत छह महीने की सजा और एक हजार रुपये का जुर्माना सुनाया गया है।
भारतीय जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत दो साल या उससे अधिक की सजा मिलने पर किसी भी जनप्रतिनिधि की सदस्यता स्वतः समाप्त हो जाती है। अब्बास अंसारी की सदस्यता समाप्त होने के बाद मऊ विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव निश्चित माना जा रहा है। अब सभी राजनीतिक दल इस सीट को लेकर सक्रिय हो चुके हैं।
यह मामला बताता है कि नफरती भाषण और आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर अब कानून सख्त रवैया अपना रहा है, और जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है।

Author: Sweta Sharma
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