निश्चय टाइम्स, डेस्क। प्रदेश में उर्वरक वितरण की समीक्षा सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर ने सहकारिता विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आज दिनांक 19 जुलाई 2025 की गयी। प्रदेश में आज दिनांक 19 जलाई’ 2025 को सहकारी क्षेत्रों में 2.65 लाख एमटी यूरिया तथा 9.29 लाख एमटी यूरिया निजी क्षेत्रों के साथ कुल मिलाकर 11.94 लाख एमटी यूरिया उपलब्ध है। सहारिता मंत्री ने अवगत कराया कि पूर्व में प्रदेश की अधिकतर सहकारी समितियां जर्जर थीं, गोदाम खण्डहर बन गये थे, जिनका राज्य सरकार के द्वारा योजना लाकर जीर्णोद्धार कराया गया एवं समितियों में नये भवन का निर्माण कराया गया। इसी के साथ प्रदेश के किसानों को समितियों के माध्यम से सुगमतापूर्वक खाद एवं बीज दिलाने हेतु 10-10 लाख की ब्याजमुक्त कैश क्रेडिट लिमिट उपलब्ध करायी गयी, आवश्यकता पड़ने पर इसको 15 लाख तक कर दिया जायेगा। जिससे किसानों को समय से खाद एवं बीज उपलब्ध हो सके। प्रदेश की लगभग 7000 प्राथमिक सहकारी समितियों को 10-10 लाख की कार्यशील पूँजी उपलब्ध कराकर, निष्क्रिय समितियों को सक्रिय किया गया।
इफ्को एवं कृभको के साथ-साथ निजी उरर्वक प्रदाय कर्ताओं से भी 40 प्रतिशत उरर्वक प्राप्त करते हुए समितियों को उपलब्ध करायी जा रही है, जिससे समितियों पर लगातार उर्वरक का वितरण किया जा सके। वर्तमान में प्रदेश की लगभग 7000 सहकारी समितियों के माध्यम से उर्वरक का वितरण कराया जा रहा है, जिसकी समीक्षा प्रतिदिन प्रदेश स्तर पर की जा रही है जिससे किसी भी जनपद में समितियों पर उर्वरकों की कमी न हो जिससे किसान भाइयों को उरर्वक प्राप्त करने में कोई असुविधा न हो।
इस वर्ष मानसून समय से पूर्व में आने से उर्वरकों की मांग पहले ही हो गयी। जिसके फलस्वरूप गत वर्ष जहाँ इसी अवधि में सहकारी व निजी क्षेत्र मिलाकर जहां 14.24 लाख एमटी यूरिया का वितरण हुआ था, वहीं इस वर्ष अबतक 17.88 लाख एमटी यूरिया का वितरण प्रदेश में किया जा चुका है। इस प्रकार वर्तमान में यूरिया की प्रदेश में कोई कमी नहीं है, आगे भी किसान भाइयों को उर्वरकों की आपूर्ति लगातार बनाये रखे जाने के निर्देश अधिकारियों को दिये गये हैं। नेपाल बार्डर के जिलों से कालाबाजारी रोकने के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश भी दिये गये। नेपाल में यूरिया भारत के मुकाबले काफी महँगी है।
मंत्री जी ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि प्रदेश में किसान भाइयों का एक डिजिटल डाटा तैयार किया जाये, जिसमें उनका नाम, पता, खसरा-खतौनी, आधार नं0 एवं मोबाइल नं0 के साथ अन्य वांक्षित विवरण तैयार कराया जाये, जिससे किसान भाइयों को खाद-बीज लेने के साथ-साथ अपने उपज की बिक्री करने में सहूलियत मिलेगी। मंत्री ने यह भी निर्देश दिये की भविष्य में क्यूआर कोड के माध्यम से डिजिटल पेमेंट की सुविधा सभी समितियों पर जिला सहकारी बैंकों के माध्यम से उपलब्ध करायी जायेगी, जिससे उर्वरक की ओवररेटिंग की समस्या दूर होगी।





