संभल: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में प्रशासन ने अवैध ईंट भट्टों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। सिंहदलनपुर गांव में नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) के आदेशों का उल्लंघन कर संचालित चार अवैध ईंट भट्टों को बंद करवा दिया गया। इस कार्रवाई का नेतृत्व एसडीएम आनंद कुमार कटारिया ने किया। बुलडोजर चलाकर इन भट्टों को बंद किया गया, जिसमें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, वाणिज्य कर विभाग और खनन विभाग के अधिकारी भी शामिल रहे।
11 महीने बाद बड़ी कार्रवाई
यह कार्रवाई जिलाधिकारी के निर्देश पर 11 महीने बाद की गई। प्रशासन की इस सख्ती का मुख्य उद्देश्य एनजीटी के आदेशों का पालन सुनिश्चित करना है। एसडीएम ने बताया कि जिले में अभी 108 अवैध ईंट भट्टे संचालित हो रहे हैं। सभी पर कार्रवाई जारी रहेगी।
अवैध भट्टों से हो रहा राजस्व का नुकसान
प्रशासन के अनुसार, इन अवैध भट्टों से बिना एनओसी और रॉयल्टी के संचालन किया जा रहा है, जिससे लाखों रुपये का टैक्स बचाया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, एक 21 पाया के ईंट भट्टे के संचालन में 6-8 लाख रुपये सालाना खर्च होता है, जिसमें रॉयल्टी, सेल्स टैक्स, इनकम टैक्स और जिला पंचायत टैक्स शामिल हैं।
चंदौसी में अतिक्रमण के खिलाफ भी अभियान जारी
संभल के जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि चंदौसी में सड़क किनारे नालों और फुटपाथ पर हुए अतिक्रमण के खिलाफ बुलडोजर अभियान चलाया जा रहा है। हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि मकानों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। अवैध कब्जा हटाने के बाद दुकान मालिकों को दूसरी जगह स्थान दिया जाएगा।
सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का पालन अनिवार्य
संभल में हिंसा और अतिक्रमण के अन्य मामलों पर जिलाधिकारी ने कहा कि सभी कार्रवाई सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों और कानून के अंतर्गत की जाएगी। यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक सभी अवैध ईंट भट्टे और अतिक्रमण पूरी तरह से हट नहीं जाते।
नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्ती
प्रशासन ने साफ कर दिया है कि एनजीटी के आदेशों की अवहेलना करने वाले किसी भी भट्टे को बख्शा नहीं जाएगा। यह कदम पर्यावरण संरक्षण और सरकारी राजस्व को नुकसान से बचाने के लिए उठाया गया है।

Author: Sweta Sharma
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