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मुलायम के बाद फिर एक नजर आया सियासत का सबसे बड़ा कुनबा, सैफई परिवार में धीरे-धीरे पट चुकी है दरार

मैनपुरी: सैफई परिवार में आई दरार अब धीरे-धीरे पटती हुई नजर आ रही है। सोमवार को करहल सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार तेजप्रताप यादव के नामांकन के मौके पर सियासत का सबसे बड़ा कुनबा एक बार फिर साथ दिखाई दिया। इस मौके पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव, उनकी पत्नी डिंपल यादव, चाचा शिवपाल यादव और प्रोफेसर रामगोपाल यादव एक साथ दिखे, जिससे यह संकेत मिला कि परिवार के भीतर की दरार अब खत्म हो रही है।
मुलायम सिंह यादव के जीवित रहते सैफई परिवार में आई मतभेदों को सुलझाने की कोशिशें तो नाकाम रहीं, लेकिन उनके निधन के बाद परिवार ने आपसी मतभेदों को भुलाकर एकजुटता का संकल्प लिया है। करहल सीट से तेजप्रताप के नामांकन के मौके पर अखिलेश यादव, डिंपल यादव, सांसद धर्मेंद्र यादव, और शिवपाल यादव के साथ परिवार के अन्य सदस्य भी मौजूद थे।
तेजप्रताप के नामांकन पर सैफई परिवार का प्रदर्शन
नामांकन के समय अखिलेश यादव अपनी बेटी अदिति, डिंपल यादव और सांसद धर्मेंद्र यादव के साथ पहुंचे थे। चाचा शिवपाल यादव अपने बेटे आदित्य यादव के साथ पहुंचे। साथ ही सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव और मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई अभयराम यादव भी उपस्थित रहे। हालांकि, अभयराम यादव को छोड़कर बाकी सभी ने एक साथ नामांकन कराया।
इस एकजुटता के साथ परिवार ने तेजप्रताप यादव और सपा की जीत का दावा किया। प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने यह तक कहा कि करहल में चुनाव “एकतरफा” होगा, और सैफई परिवार की इस एकजुटता का असर भी चुनावी नतीजों पर पड़ सकता है।
अखिलेश की विरासत की जिम्मेदारी अब तेजप्रताप पर
तेजप्रताप यादव के राजनीतिक करियर की शुरुआत 2014 में मैनपुरी उपचुनाव से हुई थी, जब मुलायम सिंह यादव ने मैनपुरी सीट से जीतने के बाद इस्तीफा दिया था और अपने पौत्र तेजप्रताप को चुनाव लड़वाया था। अब करहल सीट, जो अखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद खाली हुई है, तेजप्रताप के कंधों पर जिम्मेदारी आ गई है।
मुलायम सिंह ने 1996 में मैनपुरी सीट से अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ा था और जीता था, वहीं अखिलेश यादव ने 2022 में करहल से अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़कर जीत दर्ज की थी। अब तेजप्रताप को इस सीट पर जीत की जिम्मेदारी दी गई है।
अखिलेश यादव ने परिवार की एकजुटता का दिया संदेश
अखिलेश यादव ने नामांकन के दौरान पूरे परिवार की एकजुटता का संदेश देते हुए एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक तस्वीर साझा की। इस तस्वीर में परिवार के सभी प्रमुख सदस्य एक साथ नजर आए। इसके साथ ही अखिलेश यादव ने करहल में सपा की जीत का दावा किया। कलेक्ट्रेट में नामांकन के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने पहले शिवपाल यादव को बोलने का मौका देकर परिवार की एकता को और मजबूती से प्रदर्शित किया।
इस तरह सैफई परिवार की यह एकजुटता न केवल राजनीतिक लाभ दिला सकती है, बल्कि एक बार फिर सियासत में इस परिवार की ताकत को भी दिखाती है।
Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

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