निश्चय टाइम्स, लखनऊ। वर्तमान में प्रदेश के कई जनपदों में पशुओं में फैले लम्पी रोग की स्थिति और उसके बचाव के लिए किए जाने वाली त्वरित कार्यवाही के संबंध में प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही द्वारा प्रमुख सचिव,पशुधन एवं दुग्ध विकास अमित कुमार घोष के साथ समीक्षा बैठक की गई। वर्तमान में इस रोग से चंदौली, गाजीपुर, बलिया, देवरिया, कुशीनगर, गोरखपुर सिद्धार्थनगर, बस्ती, मऊ संतकबीरनगर और महराजगंज के गौवंश प्रभावित हैं। प्रभावित जनपदों में कुल गोवंशीय पशुओं की संख्या 1454088 है। इनमें से प्रभावित गोवंश की संख्या 5091 है। कुल 4325 गोवंश अभी तक उपचार से ठीक हो चुके हैं। जबकि 1006 गोवंश का उपचार चल रहा है।
रिंग वैक्सीनेशन प्रक्रिया में किये गये टीकाकरण गाँवों की संख्या 1583 है, कुल टीकाकरण की संख्या 344000 है। बेल्ट वैक्सीनेशन प्रक्रिया में किये गये टीकाकरण गाँवों की संख्या 545 तथा टीकाकरण की संख्या 122979 है। प्रदेश में गोटपॉक्स वैक्सीन की उपलब्धता 49 लाख है।
जनपद देवरिया में मुख्यालय से 01 संयुक्त निदेशक तथा 16 पशु चिकित्सकों की अतिरिक्त टीम टीकाकरण एवं उपचार तथा एलएसडी के प्रभावी नियंत्रण हेतु 07 सितंबर को भेजी गयी। जनपद कुशीनगर में मुख्यालय से 01 संयुक्त निदेशक तथा 06 पशु चिकित्सकों की अतिरिक्त टीम टीकाकरण एवं उपचार तथा एलएसडी के प्रभावी नियंत्रण हेतु 07 सितंबर को भेजी गयी। प्रभावित जनपदों में कार्यरत मोबाइल वेटनरी यूनिट के समस्त स्टाफ को मुख्य पशु चिकित्साधिकारी के निर्देशन में एलएसडी प्रभावित गोवंशों के उपचार एवं टीकाकरण हेतु कार्य किये जाने हेतु निर्देशित किया गया।
समस्त मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को जनपद के जिलाधिकारी की अध्यक्षता में मुख्य विकास अधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी, जिला विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी समस्त उप जिलाधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी एवं नगर निकायों के अधिशासी अधिकारियों के साथ बैठक कराकर ग्राम स्तर पर जागरूकता, साफ-सफाई एवं मख्खी मच्छर की रोकथाम हेतु फागिंग, सैनिटाइजेशन आदि सुनिश्चित कराये जाने हेतु निर्देश दिये गये। समस्त मंडलीय अपर निदेशक ग्रेड-2/मुख्य पशु चिकित्साधिकारियों को मा० जनप्रतिनिधियों के साथ निरंतर संवाद करने तथा वास्तविक स्थिति से अवगत कराने हेतु निर्देशित किया गया। इसके साथ ही प्रत्येक मृत गोवंश का डेथ आडिट कर मृत्यु का सही कारण ज्ञात करने हेतु निर्देशित किया गया। कृषि मंत्री द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि कोई भी जनपद पूर्णतया प्रभावित नहीं है वरन छिटपुट केसेज प्राप्त हो रहे हैं, जिन्हें प्रभावी रूप से नियंत्रित किया जा रहा है। इससे पशुपालक किसानों को पशुधन हानि से बचाया जा सके।
