अजमेर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से अजमेर शरीफ दरगाह के लिए भेजी गई चादर शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने निजामुद्दीन औलिया दरगाह में पेश की। यह चादर अब अजमेर दरगाह में चढ़ाई जाएगी। प्रधानमंत्री हर साल ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स के अवसर पर चादर भेजते हैं। इस साल यह 11वीं बार है जब पीएम मोदी की चादर अजमेर शरीफ दरगाह के लिए भेजी गई।
निजामुद्दीन दरगाह पर चादर पेश
शुक्रवार सुबह केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी चादर लेकर दिल्ली के निजामुद्दीन औलिया दरगाह पहुंचे। वहां इस चादर को पेश किया गया।
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रिजिजू का बयान: मंत्री रिजिजू ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स पर अजमेर शरीफ दरगाह पर चढ़ाने के लिए चादर भिजवाई। यह भारत की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत और सद्भाव व करुणा के संदेश के प्रति उनके सम्मान को दर्शाता है।”
अजमेर दरगाह के लिए रवाना
निजामुद्दीन औलिया दरगाह में पेश करने के बाद यह चादर अजमेर शरीफ दरगाह ले जाई जाएगी। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स के मौके पर इसे वहां पेश किया जाएगा।
अजमेर दरगाह के खादिम का स्वागत
अजमेर दरगाह के खादिम और चिश्ती फाउंडेशन के चेयरमैन हाजी सलमान चिश्ती ने प्रधानमंत्री मोदी की इस पहल का स्वागत किया। उन्होंने कहा, “यह चादर 140 करोड़ देशवासियों के लिए अमन, मोहब्बत और एकता का संदेश है। प्रधानमंत्री ने इस चादर के जरिए देश में शांति और भाईचारे का संदेश दिया है।”
एकता और आध्यात्मिकता का संदेश
प्रधानमंत्री की यह पहल भारत की बहु-धार्मिक संस्कृति और विविधता में एकता के प्रतीक के रूप में देखी जा रही है। हर साल उर्स के अवसर पर भेजी जाने वाली चादर न केवल श्रद्धालुओं के बीच सम्मान का प्रतीक है, बल्कि धार्मिक और सामाजिक सद्भाव का संदेश भी देती है।

Author: Sweta Sharma
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