लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव बुधवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता और हाल ही में जेल से रिहा हुए आज़म ख़ान से मुलाक़ात करने रामपुर जाने वाले हैं। यह मुलाक़ात लंबे समय बाद हो रही है, लेकिन इसके पहले ही आज़म ख़ान के बयान ने सियासी हलचल मचा दी है और अखिलेश यादव के लिए नया सिरदर्द खड़ा कर दिया है।
23 महीने जेल में रहने के बाद आज़म ख़ान हाल ही में रिहा हुए हैं और अब अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर सक्रिय दिखाई दे रहे हैं। अखिलेश यादव के रामपुर आगमन से पहले आज़म ख़ान ने साफ़ कर दिया कि वे केवल अखिलेश यादव से ही मुलाक़ात करेंगे और किसी अन्य नेता से नहीं। आज़म ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “अखिलेश यादव मुझसे मिलने आ रहे हैं, कोई कार्यक्रम नहीं है। मैं केवल उनसे ही मिलूंगा।”
सबसे चौंकाने वाली बात तब हुई जब आज़म ख़ान से रामपुर के सपा सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी को लेकर सवाल पूछा गया। इस पर उन्होंने तीखे अंदाज़ में जवाब दिया—“मैं उन्हें जानता ही नहीं।” उनके इस बयान से सपा के भीतर खींचतान की चर्चाएं तेज़ हो गई हैं।
अखिलेश यादव के साथ मुलाक़ात को लेकर यह भी चर्चा है कि क्या आज़म ख़ान पार्टी के अन्य नेताओं, ख़ासकर नदवी, से मिलने से इंकार करेंगे। सियासी जानकारों का मानना है कि यह मुलाक़ात सपा की आंतरिक राजनीति में नए समीकरण तय कर सकती है।
अखिलेश यादव का कार्यक्रम तय है—वे 8 अक्टूबर को लखनऊ से विमान द्वारा बरेली पहुँचेंगे और वहां से सड़क मार्ग से रामपुर जाएंगे। अब सबकी निगाहें इस अहम मुलाक़ात पर टिकी हैं, जो आने वाले दिनों में सपा की दिशा और दशा पर गहरा असर डाल सकती है।
