BJP-VHP ने किया घेराव — कहा, “वेटिकन सिटी चले जाएं अखिलेश”
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने दिवाली और क्रिसमस को लेकर ऐसा बयान दिया है जिससे बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। दिवाली के मौके पर जब अखिलेश से सुझाव मांगा गया तो उन्होंने कहा कि “दुनिया में क्रिसमस के समय पूरा शहर महीनों तक जगमगाता है, हम उनसे सीख सकते हैं। आखिर बार-बार दीये और मोमबत्ती पर खर्च क्यों करना।” इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) और विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने उन्हें तीखे शब्दों में घेरा है।
वीएचपी के प्रवक्ता विनोद बंसल ने अखिलेश पर हमला बोलते हुए कहा कि, “ये वही पार्टी है जो रामभक्तों पर गोली चलाने में गर्व महसूस करती थी। अब अगर ये दिवाली के दीयों से नहीं जलेंगे, तो और क्या होगा? अखिलेश यादव को वेटिकन सिटी चले जाना चाहिए, वहां शायद कुछ वोट मिल जाएं।” उन्होंने आगे कहा कि “दिवाली तो तब से मनाई जा रही है जब क्रिश्चियनिटी शुरू भी नहीं हुई थी। अब ये कह रहे हैं कि क्रिसमस से सीख लेनी चाहिए, जबकि अभी दिवाली आने वाली है। इन्हें त्योहारों की तारीखों तक की जानकारी नहीं।”
बंसल ने यह भी कहा कि “दीये बनाने वाले कुम्हार समाज के लोग पूरी दुनिया को रौशन करना चाहते हैं। लेकिन अखिलेश को चिंता है कि कहीं कुम्हारों के घर चार पैसे न आ जाएं। इसलिए वो दीयों पर तंज कस रहे हैं। यह मानसिकता हमारी परंपराओं का अपमान है।”
वहीं BJP प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी अखिलेश को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि “जब उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी, तब अयोध्या को अंधेरे में रखा गया था और रामभक्तों पर गोलियां चलाई गई थीं। आज जब अयोध्या रोशनी से जगमगा रही है तो अखिलेश यादव को तकलीफ हो रही है। ये वही लोग हैं जो सैफई में नाच-गाने के कार्यक्रम आयोजित करते थे लेकिन राम नगरी में दिवाली मनाने से इन्हें परेशानी होती है।”
अखिलेश यादव के इस बयान ने एक बार फिर हिंदू त्योहारों को लेकर राजनीति को गरमा दिया है। जहां भाजपा और विहिप इसे “हिंदू संस्कृति पर हमला” बता रहे हैं, वहीं सपा समर्थक इसे “आधुनिक सोच” के तौर पर पेश कर रहे हैं। अब देखना यह होगा कि अखिलेश अपने इस बयान पर सफाई देते हैं या नहीं।
