आगरा में समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव ने आगामी 2027 विधानसभा चुनाव की रणनीति का संकेत देते हुए ‘पीडीए कार्ड’ को धार देने की कोशिश की। उन्होंने राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन से मुलाकात की और उन्हें दलित चेहरे के रूप में प्रोजेक्ट करने का संकेत दिया। अखिलेश ने आगरा को सामाजिक न्याय की नई क्रांति का केंद्र बताया और कार्यकर्ताओं से इसे ‘संकल्प भूमि’ मानने को कहा। उन्होंने कहा कि 2027 का चुनाव ‘अगड़ा बनाम पीडीए’ (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की लड़ाई होगा। इस दौरान उन्होंने बाबा साहब अंबेडकर के संविधान को पीडीए वर्ग के लिए ढाल बताया और योगी सरकार पर इस वर्ग के उत्पीड़न का आरोप भी लगाया।
आगरा में नौ विधानसभा सीटें हैं, जिनमें लगभग 15 लाख पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक वोटर हैं। बाह को छोड़कर बाकी सीटों पर सपा अब तक जीत दर्ज नहीं कर पाई है। लेकिन 2022 में कांग्रेस और रालोद के साथ गठबंधन के बाद वोट प्रतिशत में इजाफा हुआ और छह सीटों पर गठबंधन दूसरे स्थान पर रहा। इससे सपा को उम्मीद है कि 2027 में वह इन सीटों पर बढ़त बना सकती है। राणा सांगा विवाद के बाद सपा ने रामजीलाल सुमन को दलित नेता के तौर पर उभारने की कोशिश तेज कर दी है और उनके आवास पर हुए हमले को ‘दलित नेता के घर पर हमला’ बताते हुए भावनात्मक समर्थन जुटाया जा रहा है। इसके साथ ही अखिलेश यादव ने कार्यकर्ताओं को स्पष्ट निर्देश दिया कि महापुरुषों पर कोई विवादित टिप्पणी न की जाए और इतिहास से टकराव से बचा जाए।
Author: Sweta Sharma
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