समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज बुधवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हालिया बयान पर तीखा पलटवार किया है। सीएम योगी के बुलडोजर नीति पर दिए गए बयान के जवाब में अखिलेश यादव ने कहा कि योगी सरकार की हर नीति और हर निर्णय सवालों के घेरे में है। उन्होंने व्यंग्यात्मक अंदाज में कहा कि “हमारे मुख्यमंत्री योगी होने के साथ-साथ कभी-कभी बायोलॉजिस्ट भी बन जाते हैं। उन्हें डीएनए की विशेष जानकारी है और वे इसकी फुल फॉर्म तक जानते हैं। कोर्ट ने भी बुलडोजर नीति पर अपनी राय दे दी है, लेकिन ये लोग जनता को डराने के लिए बुलडोजर का सहारा ले रहे हैं।”
बुलडोजर की राजनीति पर तीखा हमला

अखिलेश यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री आवास का नक्शा कब पास हुआ, इसका कोई प्रमाण नहीं है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, “क्या सीएम आवास का नक्शा पास है? अगर है, तो वह कागज़ दिखाएं। सरकार जिस पर चाहती है, उस पर बुलडोजर चला देती है। यह बुलडोजर सरकार के अहंकार का प्रतीक है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि, “बुलडोजर स्टेयरिंग से चलता है, न कि दिल-दिमाग से। इस सरकार ने बुलडोजर को जनता को डराने का एक उपकरण बना दिया है। जब यूपी की जनता या दिल्ली के लोग इस स्टेयरिंग को किसी और के हाथों में सौंप दें, तब क्या होगा, यह सोचने की जरूरत है।”
अधिकारियों और कर्मचारियों पर सवाल
अखिलेश यादव ने 2017 से पहले की यूपी की स्थिति पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “क्या 2017 से पहले की लूट में अधिकारी और कर्मचारी भी शामिल थे? तब के कई अधिकारी आज भी सत्ता के करीब हैं। सरकार ने उन्हें कोई सजा नहीं दी, बल्कि उन्हें उच्च पदों पर बिठा दिया।”
उनका आरोप है कि सरकार अपने प्रिय लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने से बचती है। उन्होंने कहा, “जब अपनों पर एक्शन की बात आती है तो बुलडोजर की चाभी खो जाती है, या फिर बुलडोजर का पेट्रोल खत्म हो जाता है।”
लखनऊ होटल अग्निकांड पर सवाल
लखनऊ के एक होटल में लगी आग का जिक्र करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि घटना में कुछ लोगों की जान चली गई थी, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने 24 घंटे के अंदर वहां बुलडोजर चलाने का ऐलान किया था। लेकिन आज तक उस जगह पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने पूछा, “अब बताइए, बुलडोजर की चाभी कहां चली गई?”
चाचा-भतीजे वाले बयान पर पलटवार
सीएम योगी के “चाचा-भतीजे” को भेड़िया कहने वाले बयान पर भी अखिलेश यादव ने पलटवार किया। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री को यह बताना चाहिए कि वह किस सपने में हैं। उनसे 46 से 56 का सवाल क्यों नहीं पूछा गया? किस बात के सपने देख रहे हैं मुख्यमंत्री साहब?”
उन्होंने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि पार्टी का नाम बदलकर “भारतीय जोगी पार्टी” कर देना चाहिए। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “जब इतने नाम बदले जा रहे हैं, तो पार्टी का नाम भी बदल देना चाहिए।”
जाति और धर्म के आधार पर हो रही FIR
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार जाति और धर्म को ध्यान में रखकर कार्यवाही कर रही है। उन्होंने कहा, “यह सरकार सिर्फ जाति और धर्म देखकर FIR दर्ज कर रही है। कानून का पालन केवल उन लोगों के लिए है जो सरकार के खिलाफ बोलते हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी को सत्ता में बने रहने के लिए हर तरह की चालें चलनी पड़ती हैं। उनके अनुसार, सरकार ने न्यायपालिका, प्रशासन और मीडिया को अपनी ताकत के दम पर नियंत्रित कर रखा है, और यही वजह है कि कोई भी सरकार के खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं कर पा रहा है।





