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अखिलेश यादव का ‘दो हाथ से ताली’ वाला फॉर्मूला: महाराष्ट्र में सीटें, यूपी में सौदा

उत्तर प्रदेश में 2027 की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले, नौ सीटों पर उपचुनाव को सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा है। चुनाव आयोग ने घोषणा की है कि 13 नवंबर को मतदान होगा और 23 नवंबर को वोटों की गिनती होगी। ऐसे में राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है, खासकर बीजेपी और समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच। इस बीच, अखिलेश यादव का कांग्रेस के साथ एक नए तरह का समीकरण सामने आया है—महाराष्ट्र में ‘दो हाथ से ताली’ का फॉर्मूला।

यूपी: बीजेपी बनाम सपा

उत्तर प्रदेश में पिछले दो चुनावों से बीजेपी लगातार जीत रही है। 2017 में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीजेपी ने सत्ता में वापसी की, और तब से राज्य की राजनीति का संतुलन काफी बदल गया है। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) दिन-ब-दिन कमजोर होती जा रही है, जबकि दलित नेता चंद्रशेखर आजाद की लोकप्रियता बढ़ रही है। ऐसे में यूपी में अब मुख्य मुकाबला बीजेपी और सपा के बीच माना जा रहा है। अखिलेश यादव ने पहले ही छह सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है, जबकि कांग्रेस से सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत जल्द शुरू होने की संभावना है।

महाराष्ट्र में सपा का विस्तार

अखिलेश यादव महाराष्ट्र में भी अपनी पार्टी का विस्तार करना चाहते हैं। सपा फिलहाल महाराष्ट्र की 10 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है, जहां उनके दो विधायक पहले से हैं। दिलचस्प बात यह है कि 18-19 अक्टूबर को अखिलेश का महाराष्ट्र दौरा है, जिसमें वे मालेगांव और धुले का दौरा करेंगे। इन दोनों सीटों पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के विधायक हैं, और सपा व ओवैसी की पार्टी के बीच संबंध अच्छे नहीं रहे हैं। अखिलेश को लगता है कि ओवैसी की पार्टी मुस्लिम वोटों का बंटवारा करती है, जबकि ओवैसी का आरोप है कि सपा मुस्लिम नेताओं को सिर्फ दरी बिछाने तक सीमित रखती है।

कांग्रेस के साथ सौदा: ‘दो हाथ से ताली’

महाराष्ट्र को लेकर अखिलेश का कांग्रेस के लिए साफ संदेश है: ‘महाराष्ट्र में दो और यूपी में लो।’ अखिलेश का मानना है कि अगर महाराष्ट्र में सपा को सम्मानजनक सीटें मिलती हैं, तो यूपी में कांग्रेस का मान रह सकता है। यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने विधानसभा की 10 में से 5 सीटें मांग की हैं, लेकिन अखिलेश यादव दो सीटें ही छोड़ने के मूड में हैं। हालांकि, उनके करीबी नेता गाजियाबाद सीट देने की बात कर रहे हैं। अगर महाराष्ट्र में सपा को मनमाफिक सीटें मिलती हैं, तो कांग्रेस को गाजियाबाद, खैर और मीरापुर जैसी तीन सीटें मिल सकती हैं।

अखिलेश यादव और कांग्रेस के बीच ‘एक हाथ दो, एक हाथ लो’ का सिद्धांत फिलहाल यूपी और महाराष्ट्र की राजनीति में प्रमुख बना हुआ है। इस फॉर्मूले पर दोनों दलों की दोस्ती और चुनावी रणनीति टिकी हुई है, जिससे यूपी और महाराष्ट्र के चुनावी समीकरण दिलचस्प बनते जा रहे हैं। अब देखना होगा कि यह रणनीति कितनी कारगर साबित होती है और इसके नतीजे क्या होते हैं।

Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

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