ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने बयान दिया है कि अगर वक्फ संशोधन विधेयक को राज्यसभा से मंजूरी मिल जाती है, तो पर्सनल लॉ बोर्ड इसे कोर्ट में चुनौती देगा। उन्होंने कहा कि हमें न्याय मिलने की पूरी उम्मीद है क्योंकि हमारा पक्ष सांविधानिक तथ्यों के अनुरूप है।
मौलाना खालिद रशीद ने अफसोस जताया कि नीतीश कुमार की जनता दल यूनाईटेड और चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी ने बिल का विरोध नहीं किया। उन्होंने कहा कि अच्छा होता अगर सभी दलों ने ठोस तथ्यों के साथ पुरजोर विरोध किया होता। विधेयक पास होने के बाद उत्तर प्रदेश की 98 फीसदी वक्फ संपत्तियों पर संकट गहरा गया है। अभी तक ये संपत्तियां राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं थीं। अब वक्फ बोर्ड की जगह संबंधित जिलाधिकारी को इन संपत्तियों के मामले में निर्णय लेने का अधिकार होगा।
वक्फ बोर्ड जिन 57,792 सरकारी संपत्तियों पर दावा कर रहा है, वे भी अब उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर हो जाएंगी। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की गोपनीय रिपोर्ट के मुताबिक, कई सार्वजनिक उपयोग की जमीनें गलत तरीके से वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज कर ली गई थीं। रामपुर और हरदोई सहित कई जिलों में निजी भूमि को भी वक्फ संपत्ति बताकर रजिस्टर कर दिया गया था।
वक्फ संपत्तियों का कुल रकबा 11,712 एकड़
उत्तर प्रदेश में अवैध रूप से वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज 57,792 सरकारी संपत्तियों का कुल रकबा 11,712 एकड़ है। संशोधित कानून लागू होने के बाद ये संपत्तियां वक्फ के दायरे से बाहर हो जाएंगी। जिलाधिकारी पुराने राजस्व रिकॉर्ड (1952) के आधार पर फैसला लेंगे और संबंधित जमीनों पर कब्जा लेने की प्रक्रिया शुरू होगी।वक्फ बोर्ड के विरोध के बावजूद विधेयक के राज्यसभा में पास होने के बाद कानूनी चुनौती का रास्ता खुल गया है। अब देखना होगा कि कोर्ट में बोर्ड का पक्ष कितना मजबूत साबित होता है |
Author: Sweta Sharma
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