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भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र और दो अन्य भारतीय कंपनियों पर से अमेरिका ने हटाए प्रतिबंध

वाशिंगटन। राष्ट्रपति पद की कमान डोनाल्ड ट्रंप को सौंपे जाने से कुछ दिन पहले, जो बाइडन प्रशासन ने तीन भारतीय संस्थाओं – इंडियन रेयर अर्थ्स, इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र (आईजीसीएआर) और भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बार्क) पर से प्रतिबंध हटाने की घोषणा की है।

वाणिज्य विभाग के उद्योग और सुरक्षा ब्यूरो (बीआईएस) ने बुधवार को कहा कि इन तीन भारतीय संस्थाओं पर शीत युद्ध के दौर में लगाए गए प्रतिबंध हटाने से साझा ऊर्जा सुरक्षा जरूरतों और लक्ष्यों की दिशा में संयुक्त अनुसंधान और विकास, विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग सहित उन्नत ऊर्जा सहयोग में बाधाओं को कम करके अमेरिकी विदेश नीति के उद्देश्यों को बल मिलेगा।

इसके साथ ही, बीआईएस ने अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के हितों के विपरीत गतिविधियों के लिए, ‘पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना’ के गंतव्य के तहत 11 संस्थाओं को ‘एन्टाइटी लिस्ट’ में जोड़ा है।

‘एन्टाइटी लिस्ट’ का उपयोग उन संस्थानों के साथ व्यापार को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है, जिन्हें अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा या विदेशी नीति के लिए जोखिमपूर्ण माना जाता है। यह सूची अमेरिकी वाणिज्य विभाग की ओर से जारी की जाती है।

बीआईएस ने कहा कि अमेरिका और भारत पिछले कई वर्षों में मजबूत विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग के साथ शांतिपूर्ण परमाणु सहयोग और संबंधित अनुसंधान और विकास गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिससे दोनों देशों और दुनिया भर के उनके साझेदार देशों को फायदा हुआ है।

उद्योग और सुरक्षा मामलों के अवर वाणिज्य सचिव एलन एफ एस्टेवेज ने कहा, ‘‘जैसा कि इन कार्रवाइयों से पता चलता है, ‘एन्टाइटी लिस्ट’ एक शक्तिशाली उपकरण है जिसका उपयोग अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा और वैश्विक सहयोग को आगे बढ़ाने वाले व्यवहार के लिए किया जा सकता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘एन्टाइटी लिस्ट को जोड़ने और हटाने के साथ, हमने एक स्पष्ट संदेश भेजा है कि ‘पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना’ के सैन्य आधुनिकीकरण का समर्थन करने के परिणाम हैं, और वैकल्पिक रूप से, साझा विदेश नीति लक्ष्यों और मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिका के साथ काम करने के लिए प्रोत्साहन हैं।’’

निर्यात प्रशासन के लिए वाणिज्य के प्रधान उप सहायक सचिव मैथ्यू बोरमैन ने कहा कि तीन भारतीय संस्थाओं पर लगा प्रतिबंध हटाने से अमेरिका और भारत के बीच महत्वपूर्ण खनिजों और स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति शृंखलाओं को सुरक्षित करने के लिए घनिष्ठ सहयोग संभव होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘यह कार्रवाई अमेरिका-भारत साझेदारी की समग्र महत्वाकांक्षा और रणनीतिक दिशा के अनुरूप है और इसका समर्थन करती है।’’

अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने इस कदम का स्वागत किया और इसे भारत-अमेरिका साझेदारी के ‘‘गहरे’’ होने का परिणाम बताया।

Admin Desk
Author: Admin Desk

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