केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी पर कड़ा प्रहार किया है। कोच्चि में एक कार्यक्रम के दौरान शाह ने कहा कि जस्टिस रेड्डी ने 2011 में सुप्रीम कोर्ट के सलवा जुडूम पर फैसले के जरिए नक्सलवाद को बढ़ावा दिया। उनका आरोप है कि यदि यह फैसला न आता, तो वामपंथी चरमपंथ 2020 से पहले ही समाप्त हो सकता था।
शाह ने विपक्ष पर सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस और वामपंथी दलों ने मिलकर ऐसे उम्मीदवार को मैदान में उतारा है, जो नक्सलवाद समर्थक विचारधारा से प्रेरित हैं। उन्होंने कहा कि केरल नक्सलवाद की मार झेल चुका है और वहां की जनता निश्चित रूप से इसका जवाब देगी।
गृह मंत्री ने भ्रष्टाचार विरोधी तीन नए विधेयकों का भी जिक्र किया और बिना नाम लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यदि उस समय सीएम ने जेल से सरकार चलाने की कोशिश न की होती, तो नए विधेयकों की आवश्यकता नहीं पड़ती।
शाह ने राहुल गांधी पर भी हमला करते हुए कहा कि 2013 में उन्होंने नैतिकता के नाम पर यूपीए सरकार के अध्यादेश को फाड़ दिया था, लेकिन आज उन्हीं नेताओं से गले मिल रहे हैं।
Author: Sweta Sharma
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