निश्चय टाइम्स, डेस्क। अमित शाह ने आज गुजरात के भुज में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के हीरक जयंती समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर गुजरात के उप-मुख्यमंत्री हर्ष संघवी और सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।अमित शाह ने कहा कि पिछले छह वर्षों में सीमा सुरक्षा बल ने न केवल देश की जनता, बल्कि पूरे विश्व को यह मानने के लिए मजबूर किया है कि जब तक BSF है, दुश्मन भारत की एक इंच भूमि पर नजर नहीं डाल सकता। उन्होंने कहा कि सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने वीरता, दक्षता के साथ और प्राणों की भी परवाह किए बगैर, अपने प्राणों की आहूति देकर फर्स्ट रेस्पोंडेंट होने की जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन किया है, जो देश के गृह मंत्री के तौर पर मेरे लिए बहुत गौरव और अभिमान की बात है। अमित शाह ने कहा कि वह सीमा सुरक्षा बल के जवानों को बताना चाहते हैं कि न केवल प्रधानमंत्री जी और गृह मंत्री, बल्कि पूरा देश आपकी वीरता को सलाम करता है, आपकी दक्षता पर अटूट भरोसा करता है और देश की रक्षा करने के आपके अटूट संकल्प के कारण चैन की नींद सोता है, जो किसी भी बल के लिए गौरव का विषय है। अमित शाह ने कहा कि अब तक सीमा सुरक्षा बल के 2,013 बहादुर जवानों ने देश की सीमाओं को अखंड एवं सुरक्षित रखते हुए अपने प्राणों की सर्वोच्च आहुति दी है। उन्होंने कहा कि न केवल सीमा-रक्षा में, बल्कि संयुक्त राष्ट्र के अनेक शांति मिशनों में तथा देश के भीतर उत्पन्न कितनी ही आपात स्थितियों में, चाहे आतंकवाद का मुकाबला करना हो या चाहे नक्सलवाद के उन्मूलन के राष्ट्रीय लक्ष्य को साकार करना हो, बीएसएफ के जवानों ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने सदा कर्तव्य को सर्वोपरि मानते हुए आगे बढ़कर काम किया है। अमित शाह ने कहा कि इसी का परिणाम है कि आज देश की पूर्वी तथा पश्चिमी सीमाएँ अटल, अडिग और पूर्णतः सुरक्षित हैं। इसका सबसे बड़ा श्रेय बीएसएफ के वीर जवानों को जाता है।मित शाह ने कहा कि कच्छ की यह वीर भूमि अदम्य साहस का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि सदियों से प्रतिकूल मौसम और परिस्थितियों के बावजूद कच्छवासियों ने जुझारूपन से इस क्षेत्र को संवारा और विकास की ऊँचाइयों तक पहुँचाया है। उन्होंने कहा कि सातवें दशक से अब तक हुए हर आक्रमण का सबसे मजबूत प्रतिरोध कच्छ की जनता ने किया है, जिसका साक्षी पूरा देश है। श्री शाह ने कहा कि अनेक युद्धों में सेना और बीएसएफ के साथ कदम से कदम मिलाकर कच्छ की जनता ने अभूतपूर्व भूमिका निभाई है।
उन्होंने कहा कि यहाँ की वीरांगनाओं ने युद्ध के दौरान एयरस्ट्रिप की मरम्मत करके और उसे तुरंत चालू करके देश को सुरक्षित रखने में बड़ी भूमिका निभाई है। गृह मंत्री ने कहा कि कच्छ की धरती ने शताब्दी का सबसे विकट भूकंप झेला है। उन्होंने कहा कि वह कई ऐसी जगहों पर गए हैं, जहां उन्हें दशकों बाद भी भूकंप से हुई क्षति के निशान मिलते हैं। उन्होंने कहा कि आज वह गर्व के साथ कहना चाहते हैं कि हमारे कच्छ की जनता के परिश्रम के कारण कच्छ न केवल भूकंप से उबरा है, बल्कि पहले से 100 गुना अधिक सुंदर और विकसित भी हुआ है, जो कच्छ की जनता की जिजीविषा का उदाहरण है। अमित शाह ने कहा कि 1 दिसम्बर 1965 को सीमा सुरक्षा बल की स्थापना के समय से ही यह बल सभी ऊंचाइयों को प्राप्त करने में सफल रहा है। उन्होंने कहा कि सभी केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में बीएसएफ ही एकमात्र ऐसा बल है जो थल, जल और गगन, तीनों सीमाओं पर देश की सुरक्षा में समर्पित रहता है। उन्होंने कहा कि चाहे हमारे देश की वायु सीमा हो, चाहे दुर्गम से दुर्गम भूमि सीमा हो और चाहे अनेक प्रकार की बाधाओं के बीच में जल सीमा हो, तीनों की सुरक्षा में बीएसएफ के जवान तैनात रहते हैं। श्री शाह ने कहा कि जल, थल, गगन, तीनों जगह BSF का एक ही लक्ष्य रहा है और वह है भारत की सुरक्षा। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि आज 193 बटालियनों और 2.76 लाख से अधिक जवानों की ताकत के साथ बीएसएफ पाकिस्तान से सटी 2,279 किमी और बांग्लादेश से सटी 4,096 किमी लंबी सीमा की पूरी सुरक्षा और निगरानी कर रही है।अमित शाह ने कहा कि आने वाला एक साल बीएसएफ के पूर्ण आधुनिकीकरण को समर्पित होगा और उसके बाद का एक साल हमारे वीर जवानों और उनके परिजनों के कल्याण को पूरी तरह समर्पित होगा। इस दौरान बीएसएफ और केन्द्रीय गृह मंत्रालय अनेक योजनाओं के साथ जवानों और उनके परिजन के कल्याण की दिशा में कदम उठाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोद के नेतृत्व में गृह मंत्रालय ने संकल्प लिया है कि BSF को अगले पांच साल में विश्व का सबसे आधुनिक सीमा सुरक्षा बल बनाएंगे। उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में हम अनेक योजनाएं लाने वाले हैं और वह मुश्किल हालात में सीमा पर तैनात जवानों के परिजन को आश्वस्त करना चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार आपके कल्याण में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।





