नई दिल्ली। मध्यस्थता कानून के विशेषज्ञ और कानूनी क्षेत्र में प्रतिष्ठित हस्ताक्षर तेजस धीरेनभाई करिया ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। इस शपथ ग्रहण के साथ ही दिल्ली उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या 39 हो गई है, जो न्यायालय की कार्यक्षमता और प्रभावशीलता को और बढ़ाएगा।
मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय ने उच्च न्यायालय परिसर में आयोजित एक समारोह में न्यायमूर्ति करिया को शपथ दिलाई। इस अवसर पर कई न्यायिक और कानूनी हस्तियाँ भी उपस्थित थीं।
पिछले वर्ष अगस्त में उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम ने ‘शार्दुल अमरचंद एंड मंगलदास’ कंपनी के साझेदार और मध्यस्थता प्रमुख तेजस करिया के नाम की सिफारिश की थी। इसके बाद, केंद्र सरकार ने 12 फरवरी को उनकी नियुक्ति को अधिसूचित किया। तेजस करिया की नियुक्ति कानूनी क्षेत्र में उनके गहरे अनुभव और विशिष्टता को देखते हुए की गई है।
दिल्ली उच्च न्यायालय में वर्तमान में 60 न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या है, और न्यायमूर्ति करिया की नियुक्ति इस संख्या को पूरा करने में मदद करेगी। उनकी नियुक्ति से न्यायिक प्रक्रिया में और भी अधिक पारदर्शिता और दक्षता आएगी, खासकर मध्यस्थता और विवाद समाधान के क्षेत्र में।
