देश के सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के मुद्दे पर एक बड़ा और सख्त बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारतीय सेना के लिए आतंकवादी और उन्हें पनाह देने वाले या फंडिंग करने वाले “आतंकवाद के आका” दोनों एक समान अपराधी हैं। जनरल द्विवेदी ने चेतावनी देते हुए कहा कि भारत किसी भी प्रकार की धमकी या ब्लैकमेल से डरने वाला नहीं है, बल्कि कड़े और निर्णायक एक्शन के लिए हमेशा तैयार है।
नई दिल्ली में आयोजित चाणक्य डिफेंस डायलॉग के दौरान उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा,
“सिंदूर-2 एक नई चेतावनी है। पानी और खून साथ नहीं बह सकते। अगर कोई ब्लैकमेल करेगा तो भारत चुप नहीं बैठेगा। ऑपरेशन सिंदूर तो सिर्फ एक ट्रेलर था, 88 घंटों में पूरी तस्वीर साफ हो गई।”
उन्होंने पाकिस्तान को लेकर भी सख्त संदेश दिया। द्विवेदी ने कहा कि पाकिस्तान के सामने अब बड़ा चुनौतीपूर्ण समय है और उसे शांति की राह अपनानी होगी। उन्होंने कहा कि भारत की डिटरेंस क्षमता पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हुई है और भारतीय सेना जरूरत पड़ने पर हर स्तर पर तेज़ी से कार्रवाई करने में सक्षम है।\चीन सीमा को लेकर सेना प्रमुख ने कहा कि पिछले एक साल में दोनों देशों के बीच संवाद बढ़ा है और कई स्तरों पर सुधार देखे गए हैं। उन्होंने बताया कि बर्फ पिघलने का फैसला दोनों देशों की नेतृत्व स्तर की बातचीत पर निर्भर करता है, और सीमा पर अधिक संवाद से तनाव कम करने में मदद मिल सकती है। जम्मू कश्मीर की स्थितियों पर बोलते हुए जनरल द्विवेदी ने कहा कि 5 अगस्त 2019 के बाद से राज्य में बड़ा परिवर्तन आया है। उन्होंने बताया कि राजनीतिक स्पष्टता बढ़ी है, IIT–IIM जैसे बड़े संस्थान खुल रहे हैं और शिक्षा व विकास में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
उन्होंने बताया कि हाल ही में 31 आतंकवादियों को मार गिराया गया है, जिनमें 21 पाकिस्तानी थे।
“अब घाटी में पत्थरबाजी लगभग खत्म हो चुकी है, अमरनाथ यात्रा में भी रिकॉर्ड संख्या में लोग आ रहे हैं।”
म्यांमार की स्थिति पर उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश में अस्थिरता भारत को प्रभावित करती है। इसलिए भारत शरणार्थियों की मदद कर रहा है और कोशिश कर रहा है कि दोनों देश मिलकर हालात को स्थिर बना सकें।





