पहले ही 149 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में वर्कशॉप स्थापित कर चुकी है टाटा टेक्नोलॉजीज लिमिटेड
प्रदेश में मौजूद है 334 आईटीआई, इनमें 76 का होता है पीपीपी मोड में संचालन
एससी, एसटी, ओबीसी, महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए विशेष तौर पर संचालित हो रहे हैं आईटीआई
नये टीटीएल वर्कशॉप संचालित होने से युवाओं के लिए बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और टाटा टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के बीच एमओयू किया है। इसके तहत प्रदेश के 62 नए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में टाटा टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (टीटीएल) वर्कशॉप स्थापित की जा रही है। यह कदम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उस मंशा को साकार करेगा, जिसमें युवाओं को उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षण के साथ-साथ शत-प्रतिशत रोजगार सुनिश्चित किया जाए। यह एमओयू उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए कौशल विकास और रोजगार सृजन की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा। टाटा टेक्नोलॉजीज के सहयोग से प्रशिक्षित युवा न केवल आत्मनिर्भर बनेंगे, बल्कि प्रदेश और देश की आर्थिक प्रगति में भी महत्वपूर्ण योगदान देंगे। प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि प्रथम चरण में प्रदेश के 149 आईटीआई में टीटीएल वर्कशॉप स्थापित हो चुकी हैं, जहां प्रशिक्षण कार्य जोरों पर है। इसके अतिरिक्त, 5 उत्कृष्ट सेंटर भी स्थापित किए जा रहे हैं। वहीं अब द्वितीय चरण में 62 नये वर्कशॉप निर्माण के लिए एमओयू किया गया। यह पहल न केवल प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार लाएगी, बल्कि प्रशिक्षित युवाओं को विभिन्न सरकारी संस्थानों के साथ ही टाटा मोटर्स, मारुति सुजुकी, हुंडई, रिलायंस, आदित्य बिरला, महिंद्रा, विप्रो, इनफोसिस जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप प्रदेश सरकार का विशेष जोर प्रशिक्षित युवाओं को स्थानीय स्तर पर अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराने पर है। इसके लिए सरकारी क्षेत्रों जैसे रेलवे, सेना, नौसेना, वायुसेना, पीडब्लूडी, सिंचाई विभाग के साथ-साथ अर्द्ध-सरकारी और निजी क्षेत्र की कंपनियों जैसे बीएचईएल, यूपीपीसीएल, रक्षा फैक्टरी, एचएएल, सेल, गेल, ओएनजीसी, एनटीपीसी, एलएंडटी, आईटीसी, जिंदल आदि में रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध हैं। प्रदेश में महिलाओं के लिए 12 विशिष्ट राजकीय आईटीआई और 47 महिला शाखाएं संचालित हैं। इसके अलावा, अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में 43 राजकीय आईटीआई कार्यरत हैं। अनुसूचित जाति और जनजाति के अभ्यर्थियों के लिए विशेष कम्पोनेन्ट सब प्लान के तहत 84 संस्थान संचालित किए जा रहे हैं, जहां 70 प्रतिशत सीटें एससी/एसटी और 15 प्रतिशत सीटें ओबीसी प्रशिक्षणार्थियों के लिए आरक्षित हैं।
प्रदेश में 334 आईटीआई हैं, जिनमें से 76 पीपीपी मोड पर और 3,230 निजी क्षेत्र में संचालित हैं। इन संस्थानों में लगभग 118 ट्रेडों में प्रशिक्षण दिया जाता है। आईटीआई प्रशिक्षण न केवल रोजगार के अवसर प्रदान करता है, बल्कि स्वरोजगार के लिए भी सहायक है। सरकार की मुद्रा लोन योजना के तहत प्रशिक्षित युवाओं को बिना गारंटी के ऋण उपलब्ध कराया जाता है। साथ ही, आईटीआई पुस्तकालयों में निःशुल्क पुस्तकें, छात्रवृत्ति, शुल्क प्रतिपूर्ति और एससी, एसटी प्रशिक्षणार्थियों के लिए निःशुल्क प्रशिक्षण की व्यवस्था भी है।

Author: Sweta Sharma
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