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वक्फ बोर्ड को बचाने नहीं, खत्म करने के लिए लाई गई है संशोधन बिल: असदुद्दीन ओवैसी

AIMIM के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि केंद्र की बीजेपी सरकार वक्फ प्रॉपर्टी को बचाने के बजाए वक्फ बोर्ड को हमेशा के लिए खत्म करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने मुंबई में वक्फ बोर्ड कानून और मुसलमानों से जुड़े मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए। ओवैसी ने कहा, “सरकार का यह कदम मुस्लिम समुदाय के साथ भेदभावपूर्ण है और इसे रोकने की सख्त जरूरत है।”
 वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति पर सवाल
ओवैसी ने वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, “सरकार 8 से 9 गैर-मुस्लिम सदस्यों को स्टेट वक्फ बोर्ड कमेटी में नियुक्त करना चाहती है। जब हिंदू धर्म में दान देने की कोई पाबंदी नहीं है, तो मुस्लिम समुदाय के साथ यह भेदभाव क्यों किया जा रहा है?”
उन्होंने आगे कहा, “यूपी के काशी बोर्ड में स्पष्ट रूप से लिखा है कि बोर्ड के सदस्य हिंदू होने चाहिए, फिर वक्फ बोर्ड में हिंदू सदस्यों की जरूरत क्यों है? यह मुस्लिम समुदाय के धार्मिक अधिकारों में सीधा हस्तक्षेप है।”
वक्फ बोर्ड संपत्तियों पर गलत जानकारी फैलाने का आरोप
ओवैसी ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार वक्फ संपत्तियों के बारे में गलत जानकारी फैला रही है। उन्होंने कहा कि देश के 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में वक्फ की 9 लाख 40 हजार एकड़ जमीन है, लेकिन सरकार इसे हड़पी गई संपत्ति के रूप में पेश कर रही है।
 यूपी में मुसलमान उम्मीदवारों पर सरकार का रवैया
उन्होंने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि उपचुनाव की लिस्ट में से मुसलमान उम्मीदवारों के नाम काटे जा रहे हैं। उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव से भी कहा कि वे इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाएं और केवल रोने के बजाए मुसलमान उम्मीदवारों के नाम सूची में जुड़वाएं।
 बदलापुर एनकाउंटर पर टिप्पणी
बदलापुर एनकाउंटर के संदर्भ में ओवैसी ने कहा कि सरकार बदला लेने के नाम पर न्याय की प्रक्रिया को दरकिनार कर रही है। उन्होंने सवाल उठाया, “यदि सरकार खुद ही बदला लेना चाहती है, तो कोर्ट की जरूरत क्या है?”
धर्म और वक्फ बोर्ड पर सरकार के फैसले को लेकर चिंता
असदुद्दीन ओवैसी ने तिरुपति मंदिर के लड्डू में बीफ फैट मिलने पर भी चिंता जताई और कहा कि किसी भी धर्म के साथ खिलवाड़ नहीं किया जाना चाहिए। लेकिन जिस तरह से वक्फ बोर्ड में संशोधन किया जा रहा है, वह मुस्लिम समुदाय के धार्मिक अधिकारों पर सीधा हमला है।
महाविकास आघाड़ी में शामिल होने पर स्थिति स्पष्ट
ओवैसी ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी महाविकास आघाड़ी में शामिल होने को लेकर लिखित में प्रस्ताव भेज चुकी है। अब यह फैसला कांग्रेस और एनसीपी नेताओं के हाथ में है कि वे AIMIM को गठबंधन का हिस्सा बनाना चाहते हैं या नहीं।असदुद्दीन ओवैसी की यह प्रेस कॉन्फ्रेंस वक्फ बोर्ड के मुद्दे पर बीजेपी के खिलाफ उनका सख्त रुख दिखाती है। उन्होंने सरकार के निर्णयों पर गंभीर सवाल उठाते हुए मुस्लिम समुदाय के अधिकारों की रक्षा की मांग की।
Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

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