उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सभी विश्वविद्यालयों को अगले 10 वर्षों के लिए एक विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कार्य करना होगा, ताकि वे अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकें।
राज्यपाल डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की स्वर्ण जयंती वर्षगांठ के अवसर पर विवेकानंद प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि शिक्षा को केवल किताबों तक सीमित नहीं रखा जाना चाहिए, बल्कि छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान और आत्मनिर्भरता की ओर भी बढ़ाना चाहिए।
उन्होंने भगवान श्रीराम के आदर्शों से सीखने की जरूरत पर भी जोर दिया और कहा कि श्रीराम के चरित्र पर विश्वविद्यालयों में डिबेट होनी चाहिए, ताकि छात्र उनके जीवन से प्रेरणा लेकर अपने आचरण में सुधार कर सकें।
राज्यपाल ने “श्री अन्न” यानी मिलेट्स के उपयोग को बढ़ावा देने पर भी बल दिया। उन्होंने झांसी विश्वविद्यालय का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां श्री अन्न के जरिए आर्थिक विकास किया जा रहा है। इसी प्रकार अन्य विश्वविद्यालयों को भी आत्मनिर्भर बनने के लिए आय के नए स्रोत विकसित करने होंगे।
उन्होंने कहा कि श्री अन्न के सेवन से कुपोषण और बीमारियों से बचाव हो सकता है। इसके साथ ही उन्होंने युवाओं को खेलकूद में सक्रिय होने के लिए प्रेरित किया और कहा कि “जो खेलेगा, वह खिलेगा।” राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों से छात्रों के समग्र विकास के लिए ठोस कदम उठाने का आह्वान किया।

Author: Sweta Sharma
I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.