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अयोध्या राम दरबार प्राण प्रतिष्ठा: श्रद्धा, वैदिक परंपरा और सुरक्षा व्यवस्था का दिव्य संगम

निश्चय टाइम्स, अयोध्या। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में स्थित भव्य श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में चल रहे प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के दूसरे दिन भी श्रद्धा का विशाल समुंदर उमड़ा। मंगलवार 3 जून को प्रारंभ हुआ यह तीन दिवसीय अनुष्ठान 5 जून को गंगा दशहरा के पावन अवसर पर सम्पन्न होगा। इस दौरान भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान की प्रतिमाओं को मंदिर की पहली मंजिल स्थित राम दरबार में विधिवत स्थापित किया जा रहा है। यह प्रतिष्ठा सदियों पुरानी वैदिक परंपराओं और शास्त्रीय विधानों के अनुसार की जा रही है। इस पुनीत अनुष्ठान से जुड़े संत मिथिलेश नंदनी शरण ने इस कार्यक्रम की आध्यात्मिक गरिमा पर प्रकाश डालते हुए कहा, “गर्भगृह में श्रीराम लला की प्रतिष्ठा के बाद भक्तों की नजरें राम दरबार पर टिकी थीं। अब पूरे विधि-विधान और अपार भक्ति के साथ भगवान राम-सीता को लक्ष्मण जी व बजरंगबली के साथ प्रतिष्ठित किया जा रहा है।”

राम दरबार के अतिरिक्त परिसर के छह से आठ अन्य मंदिरों की भी प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है। इनमें ऋषियों, निषादराज, माता शबरी और संत तुलसीदास जी की मूर्तियां प्रमुख हैं। संत शरण के अनुसार, “ये प्रतिष्ठाएं न केवल श्रीराम मंदिर की भव्यता को बढ़ा रही हैं, बल्कि यह रामायण से जुड़ी आध्यात्मिक चेतना को भी जागृत कर रही हैं।”

इस ऐतिहासिक अवसर को देखते हुए अयोध्या को “रेड जोन” घोषित कर दिया गया है। ATS, बख्तरबंद वाहन, और तीन शिफ्ट में सुरक्षा बलों की तैनाती के साथ कड़ी निगरानी की जा रही है। सोमवार को सरयू तट से एक भव्य शोभा यात्रा निकाली गई, जिससे इस महान अनुष्ठान की शुरुआत हुई।

Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

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