निश्चय टाइम्स, लखनऊ। समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने डूंगरपुर मामले में लंबित आपराधिक अपील के दौरान उनकी जमानत अर्जी स्वीकार कर ली है। इसी केस में सह-आरोपी ठेकेदार बरकत अली को भी कोर्ट ने जमानत दे दी है। न्यायमूर्ति समीर जैन की एकल पीठ ने 12 अगस्त को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे अब सुनाया गया। आजम खान की ओर से अधिवक्ता इमरान उल्ला और मोहम्मद खालिद ने पैरवी की। हालांकि, इस राहत के बावजूद आजम खान तुरंत जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे, क्योंकि उन पर दर्ज एक अन्य आपराधिक मामले में अभी न्यायिक प्रक्रिया जारी है और उसमें जमानत मिलना शेष है।
मामला वर्ष 2019 का है, जब रामपुर निवासी अबरार ने गंज थाने में आजम खान, रिटायर्ड सीओ आले हसन खान और ठेकेदार बरकत अली के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। शिकायत में आरोप था कि दिसंबर 2016 में इन लोगों ने उनके साथ मारपीट की, घर में तोड़फोड़ की और जान से मारने की धमकी दी। रामपुर की एमपी-एमएलए विशेष अदालत ने इसी मामले में 30 मई 2024 को आजम खान को 10 साल की सजा और बरकत अली को 7 साल की सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ दोनों ने हाईकोर्ट में आपराधिक अपील दायर की थी। हाईकोर्ट से जमानत मंजूर होने की खबर मिलते ही आजम खान के समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई। गौरतलब है कि आजम खान लंबे समय से सीतापुर जेल में बंद हैं और उनके खिलाफ दर्ज ज्यादातर मामलों में उन्हें अदालत से राहत मिल चुकी है।
