मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी अजीत पवार गुट के नेता बाबा सिद्दीकी की मुंबई के बांद्रा ईस्ट इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई है। इस घटना के बाद पुलिस ने दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है, जिनका संबंध कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई गैंग से बताया जा रहा है। गिरफ्तार किए गए संदिग्धों की पहचान उत्तर प्रदेश के धर्मराज कश्यप और हरियाणा के करनैल सिंह के रूप में हुई है, जबकि एक अन्य साथी फरार है, जिसे पकड़ने के लिए पुलिस ने तलाश शुरू कर दी है।
घटना के बाद से पूरे इलाके में तनाव का माहौल है। बताया जा रहा है कि तीनों आरोपी एक ऑटो-रिक्शा में सवार होकर घटनास्थल पर पहुंचे थे और लगभग एक महीने से इलाके की रेकी कर रहे थे। जब बाबा सिद्दीकी अपने बेटे जीशान सिद्दीकी के कार्यालय से बाहर निकले, तब आरोपियों ने कोलगेट ग्राउंड के पास उनकी कार पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं, जिससे बाबा सिद्दीकी की मौके पर ही मौत हो गई। रिपोर्ट्स के अनुसार, उनके पेट में दो और सीने में एक गोली लगी थी।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि आरोपियों ने पूछताछ के दौरान खुद को बिश्नोई गैंग का सदस्य बताया और दावा किया कि वे किसी और के इशारे पर काम कर रहे थे। इस मामले में अब दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल भी शामिल हो गई है, जो इस गैंग से जुड़े अन्य पहलुओं की जांच के लिए एक विशेष टीम मुंबई भेजने की तैयारी कर रही है।
पुलिस को शक है कि आरोपियों को अंदर की जानकारी किसी अन्य व्यक्ति से मिल रही थी, जो उन्हें सही समय और स्थान के बारे में सूचित कर रहा था। इस मामले की जांच गहनता से जारी है, और पुलिस अन्य संभावित संलिप्तताओं की भी जांच कर रही है।
मुंबई पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कई टीमें गठित की हैं और फरार आरोपी को जल्द से जल्द पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं, बाबा सिद्दीकी की हत्या ने राज्य की राजनीति और सुरक्षा व्यवस्था पर भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
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Author: Sweta Sharma
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