बागपत: जिले में विकास कार्यों के लिए निर्धारित 13 करोड़ रुपये की सांसद निधि अब तक अटकी हुई है, क्योंकि केंद्रीय राज्यमंत्री जयंत सिंह और सांसद डॉ. राजकुमार सांगवान ने आवश्यक प्रस्ताव ही नहीं भेजे हैं। इससे स्थानीय विकास परियोजनाएं ठप पड़ी हुई हैं और अधिकारी भी इस निधि के उपयोग को लेकर असमंजस में हैं।
जयंत सिंह की निधि का क्या हाल?
राज्यसभा सांसद बनने के बाद जयंत सिंह ने बागपत को अपना नोडल जिला घोषित किया था, लेकिन उनके खाते में पड़े लगभग आठ करोड़ रुपये अब तक खर्च नहीं हुए। खासकर खेल सुविधाओं के विकास के लिए उन्होंने निधि खर्च करने की बात कही थी, लेकिन अब तक कोई प्रस्ताव नहीं भेजा गया। उनके खाते में दो साल से तीन करोड़ रुपये बिना इस्तेमाल पड़े हैं।
सांसद राजकुमार सांगवान ने भी नहीं भेजे प्रस्ताव
रालोद सांसद राजकुमार सांगवान की निधि के पांच करोड़ रुपये भी पिछले चार महीनों से अटके हुए हैं। उन्होंने मोदीनगर विधानसभा क्षेत्र के लिए छह प्रस्ताव दिए, लेकिन अधिकारियों ने उन्हें ऑनलाइन पोर्टल के जरिए जमा करने को कहा, जिसके बाद से उन्होंने कोई अपडेट नहीं दिया।
प्रस्ताव नहीं, तो कैसे होगा विकास?
अधिकारियों का कहना है कि वे कई बार प्रस्ताव भेजने के लिए सांसदों से अनुरोध कर चुके हैं, लेकिन जब प्रस्ताव ही नहीं आएंगे, तो जिले में विकास कार्य कैसे होंगे? जनता भी इस निधि के सही उपयोग की मांग कर रही है, ताकि सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और खेल जैसे क्षेत्रों में बागपत का विकास तेज़ी से हो सके।

Author: Sweta Sharma
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