उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। पयागपुर तहसील के पहलवारा गाँव स्थित एक अपंजीकृत मदरसे में निरीक्षण के दौरान नौ से 14 साल की करीब 40 नाबालिग लड़कियाँ शौचालय में बंद पाई गईं।
पयागपुर के उप-जिला अधिकारी अश्विनी कुमार पांडे ने बताया कि इस मदरसे को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थीं। बुधवार को प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम ने जब तीन मंजिला इमारत का निरीक्षण किया तो प्रबंधन ने उन्हें ऊपर जाने से रोकने की कोशिश की। बाद में जब पुलिसकर्मियों ने छत पर बने शौचालय का दरवाजा खोला, तो अंदर से एक-एक करके लड़कियाँ बाहर निकलीं। सभी डरी-सहमी नज़र आ रही थीं और कुछ स्पष्ट नहीं बता पा रही थीं।
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मोहम्मद खालिद ने बताया कि यह मदरसा बिना पंजीकरण के करीब तीन साल से चल रहा था। प्रबंधन कोई भी वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सका। 2023 में बहराइच के सर्वेक्षण में 495 अपंजीकृत मदरसे मिले थे, लेकिन यह संस्था जांच से बच गई थी। पूछताछ में शिक्षिका तकसीम फ़ातिमा ने दावा किया कि हंगामे की वजह से लड़कियाँ घबरा गईं और खुद को शौचालय में बंद कर लिया।
अधिकारियों ने कहा कि मदरसे के रिकॉर्ड की जांच की जा रही है और संस्था को बंद करने के आदेश दिए गए हैं। प्रबंधन को निर्देश दिया गया है कि लड़कियों को सुरक्षित उनके घर भेजा जाए। बताया जा रहा है कि सभी अब अपने परिवारों तक पहुंच गई हैं।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामानंद प्रसाद कुशवाहा ने कहा कि अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। यदि अभिभावकों या अधिकारियों की ओर से शिकायत आती है, तो उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
