बांग्लादेश में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच भड़की हिंसा अब उग्र हो चुकी है। भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं, जारी हिंसा के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना ने ढाका छोड़ दिया है। बताया गया है कि उन्होने प्रधानमंत्री पद से भी इस्तीफा दे दिया है। इस पूरे घटनाक्रम पर सैन्य प्रमुख ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है और देश में अंतरिम सरकार के गठन की बात कही है।
बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन लगातार जारी है। यहां रविवार शाम छह बजे से कर्फ्यू लगा हुआ है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अब तक हिंसा में कम से कम 300 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि, इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।बांग्लादेश में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे है। बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना ने ढाका छोड़ दिया है। हसीना ने किसी सुरक्षित स्थान के लिए निकली हैं। इस बीच ढाका में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री आवास में दाखिल हो गए हैं। शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। प्रदर्शनकारियों ने कई अहम रास्तों पर भी कब्जा कर लिया है। इंटरनेट को पूरी तरह बंद दिया गया है। इस बीच मुख्य विपक्षी पार्टी BNP के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में सड़कों पर उतर आए हैं, जो सत्तारूढ़ अवामी लीग के कार्यकर्ताओं को निशाना बना रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें कि बांग्लादेश में हाल ही में पुलिस और छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच हिसंक झड़पें हुईं हैं। दरअसल, प्रदर्शनकारी छात्र विवादित आरक्षण प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। इसके तहत बांग्लादेश के लिए वर्ष 1971 में आजादी की लड़ाई लड़ने वाले स्वतंत्रता संग्रामियों के परिवारों के लिए 30 प्रतिशत सरकारी नौकरियां आरक्षित की गईं हैं।
छोटी बहन भी है साथ
बांग्लादेश मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना सोमवार को दोपहर करीब 2:30 बजे एक सैन्य हेलीकॉप्टर से बंगाभवन से अपनी छोटी बहन शेख रेहाना के साथ “सुरक्षित स्थान” के लिए रवाना हुई हैं, वहीं अन्य रिपोर्ट में यह भी कहा जा रहा है कि वह लंदन जा सकती हैं। एक अन्य रिपोर्ट में बताया गया कि पीएम हसीना भारत के लिए रवाना हो गई हैं।
भारत-बांग्लादेश सीमा पर जारी हाई अलर्ट
बांग्लादेश में कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए बीएसएफ ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर हाई अलर्ट जारी कर दिया है। बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बीएसएफ के डीजी भी कोलकाता पहुंच गए हैं।
हिंसा के बीच सेना की भूमिका
एक सैन्य प्रवक्ता ने बताया कि इन तनावों के बीच बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकार-उज-जमां देश को संबोधित करने वाले हैं। सिविल सेवा नौकरियों के कोटा के खिलाफ पिछले महीने शुरू हुई रैलियां हसीना के 15 साल के कार्यकाल की सबसे गंभीर अशांति में बदल गई हैं और उनके इस्तीफे की व्यापक मांग में बदल गई हैं। वर्तमान हालात बांग्लादेश में अतीत की राजनीतिक उथल-पुथल की गूंज है।

Author: Sweta Sharma
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