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बराक ओबामा की चेतावनी: “झूठ से हार मानेंगे तो तानाशाही आएगी”

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने हाल ही में कनेक्टिकट के हार्टफोर्ड शहर में आयोजित एक कार्यक्रम में अमेरिका की वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चिंता जताई। इतिहासकार हीदर कॉक्स के साथ संवाद में उन्होंने लोकतंत्र की गिरती हालत और ट्रंप सरकार की कार्यशैली पर तीखा हमला बोला।

ओबामा ने कहा कि आज अमेरिका ऐसे मोड़ पर खड़ा है, जहां लोकतंत्र के बुनियादी सिद्धांतों को कमजोर किया जा रहा है। उन्होंने चीन और हंगरी जैसे देशों के उदाहरण देते हुए कहा कि अमेरिका भी उन्हीं की राह पर बढ़ता दिख रहा है, जहां चुनाव होते हैं लेकिन जनता की आवाज का कोई महत्व नहीं होता।

ओबामा ने डोनाल्ड ट्रंप पर निशाना साधते हुए कहा कि जब नेता बार-बार झूठ बोलते हैं, चुनाव हारने के बाद भी खुद को विजेता घोषित करते हैं, और फिर अगली जीत के बाद उन झूठों को भूल जाते हैं, तो यह लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक है। उन्होंने पुतिन और केजीबी की उस कहावत का ज़िक्र किया जिसमें कहा गया है – “लोगों को सच बताने की जरूरत नहीं, बस इतना झूठ फैलाओ कि वे किसी पर विश्वास करना ही छोड़ दें।”

उन्होंने स्पष्ट किया कि तानाशाही तब जन्म लेती है जब लोग सच से हार मान लेते हैं और कहने लगते हैं कि अब कुछ बदलने वाला नहीं।

ओबामा ने चेताया कि अमेरिका की एक बड़ी पार्टी (रिपब्लिकन) में आज ऐसा ही हो रहा है – नेता सच्चाई जानते हैं लेकिन जानबूझकर झूठ का साथ देते हैं। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे कानून, न्यायपालिका और संविधान की रक्षा के लिए आवाज उठाएं।

अंत में उन्होंने कहा, “लोकतंत्र अपने आप नहीं चलता, इसे लोगों की ज़रूरत होती है। जब तक सरकार में और बाहर सच बोलने वाले लोग हैं, तब तक बदलाव संभव है।”

Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

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