बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के गिरधरपुर गांव में गुरुवार को अनुसूचित जाति की दो बेटियों की शादी के दौरान अप्रिय घटना सामने आई। जब बारातें गांव में पहुंचीं, तो दबंगों ने जातीय आधार पर दोनों बारातों को रोक दिया, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद ही विवाह की रस्में पूरी हो सकीं।
पहली बारात में हुआ विवाद
गिरधरपुर गांव के नरेश सागर की दो बेटियों की शादी एक ही दिन तय थी। पहली बारात दोपहर के करीब चार बजे गांव में पहुंची। जैसे ही बारात बैंड बाजे के साथ गांव के अंदर प्रवेश करने लगी, कुछ दबंग युवकों ने बिरादरी से संबंधित गानों के बजने का विरोध किया और बारात को रोक दिया। इस पर दोनों पक्षों में नोकझोंक शुरू हो गई। विवाद बढ़ने पर बारात को वापस जनवासे में ले जाया गया।
दूसरी बारात पर भी रोक
इसके बाद, जब रात में नरेश सागर की दूसरी बेटी की बारात गांव पहुंची, तो दबंगों ने इसे भी अपने मोहल्ले से गुजरने से रोकने का प्रयास किया। इस बार पुलिस को मौके पर बुलाया गया। सिरौली थाने के इंस्पेक्टर प्रयागराज सिंह के नेतृत्व में पुलिस ने स्थिति को संभाला और समझाइश के बाद बारात को आगे बढ़ने दिया।
पुलिस के हस्तक्षेप से विवाद का निपटारा
पुलिस के हस्तक्षेप से स्थिति को नियंत्रित किया गया और विवाह की रस्में पूरी करवाई गईं। बाद में, दोनों पक्षों ने आपस में सुलह कर ली और किसी भी प्रकार की हिंसा या झगड़े से बचा गया। नरेश सागर ने अपनी बड़ी बेटी को गुरुवार रात और छोटी बेटी को शुक्रवार दोपहर विदा कर दिया।
स्थानीय प्रशासन का बयान
सिरौली थाने के इंस्पेक्टर प्रयागराज सिंह ने बताया, “मौके पर पहुंचकर हमने स्थिति को शांत किया और दोनों बारातों की रस्में पूरी करवाईं। अब वहां कोई विवाद नहीं है और दोनों पक्षों ने आपस में समझौता कर लिया है।”
इस घटना ने समाज में व्याप्त जातिगत भेदभाव और तनाव को एक बार फिर उजागर किया है, हालांकि पुलिस के समय पर हस्तक्षेप से स्थिति संभल गई और शांति स्थापित हो सकी।
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Author: Sweta Sharma
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