गोंडा जिले में बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी नियुक्तियों और करोड़ों रुपये के गबन का मामला गंभीर रूप से सामने आया है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अमित सिंह ने इस पर संज्ञान लेते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार तिवारी, वित्त एवं लेखा अधिकारी सिद्धार्थ दीक्षित, सहायक अनुपम पांडेय, पटल लिपिक सुधीर सिंह सहित कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। इनके साथ ही भैया चंद्रभान दत्त स्मारक इंटर कॉलेज रामपुर टेंगरहा के प्रबंधक दिग्विजय नाथ पांडेय, प्रधानाचार्य और अन्य अज्ञात लोगों को भी आरोपी बनाया गया है।
यह आदेश सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप कुमार पांडेय की ओर से दी गई याचिका पर सुनवाई के बाद आया। अधिवक्ता अमित कुमार दुबे ने बताया कि विभाग में आवेदन प्रक्रिया के दौरान डाटा लीक कर फर्जी नियुक्तियां की जाती थीं और इसी बहाने करोड़ों की हेराफेरी होती रही।
गौरतलब है कि वर्ष 2020 में सामने आए अनामिका शुक्ला फर्जी नियुक्ति कांड ने प्रदेश भर में सनसनी फैला दी थी। आरोप है कि अनामिका के नाम से स्थायी शिक्षिका दिखाकर 2017 से ही वेतन निकाला जा रहा था, जबकि 2020 में उसे अस्थायी सहायक शिक्षिका के रूप में नियुक्ति दी गई थी। चौंकाने वाली बात यह है कि जनवरी 2025 तक उसके नाम पर वेतन भुगतान होता रहा, जो कथित रूप से वेतन संशोधन के पृष्ठ में हेरफेर कर किया गया।
चूंकि विभागीय स्तर पर इस घोटाले में ठोस कार्रवाई नहीं हुई, इसलिए मामला अदालत तक पहुंचा। अब अदालत ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 173(4) के तहत मुकदमा दर्ज करने का आदेश देकर इसे कानूनी प्रक्रिया में डाल दिया है। इस आदेश के बाद जिले में शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
Author: Sweta Sharma
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