जम्मू-कश्मीर। इस वर्ष अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को सरकार ने एक बड़ा झटका दिया है। सुरक्षा कारणों के चलते यात्रा मार्ग पर हेलिकॉप्टर सेवाओं को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही यात्रा मार्ग को 1 जुलाई से 10 अगस्त तक नो-फ्लाइंग जोन घोषित कर दिया गया है, जिससे किसी भी तरह की हवाई गतिविधि प्रतिबंधित रहेगी।
सरकारी आदेश के अनुसार, 3 जुलाई से 9 अगस्त तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा अब पूरी तरह से पैदल, खच्चर या पालकी के जरिए ही संपन्न होगी। हेलिकॉप्टर सेवा के बंद होने का सबसे अधिक असर उन श्रद्धालुओं पर पड़ेगा जो उम्रदराज़ हैं या जिन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं। ये श्रद्धालु अब दुर्गम और कठिन पहाड़ी मार्गों को पार करने के लिए वैकल्पिक तरीकों पर निर्भर होंगे।
प्रशासन ने इस निर्णय के पीछे मुख्य कारण सुरक्षा व्यवस्था को बताया है। अधिकारियों का कहना है कि मौजूदा हालात को देखते हुए यह कदम एहतियातन उठाया गया है ताकि किसी भी संभावित खतरे को रोका जा सके। बीते वर्षों में अमरनाथ यात्रा को आतंकवादियों से खतरे की आशंका को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों की सिफारिश पर यह फैसला लिया गया है।
सरकार ने श्रद्धालुओं से सहयोग की अपील की है। प्रशासन ने कहा है कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है, और इस यात्रा को शांतिपूर्ण और सुरक्षित तरीके से संपन्न कराने के लिए सुरक्षाबलों, प्रशासन और सेवा दलों की तैनाती पहले से ही सुनिश्चित की जा चुकी है।

Author: Sweta Sharma
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