दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के आठ विधायकों ने शुक्रवार को इस्तीफा दिया और शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए। चुनाव से ठीक पहले यह घटनाक्रम राजधानी की राजनीति में बड़ा उलटफेर माना जा रहा है।
आप ने नहीं दिया टिकट, विधायक नाराज
इस्तीफा देने वाले विधायकों ने AAP पर भ्रष्टाचार और भेदभाव का आरोप लगाया था। ये सभी पार्टी से टिकट न मिलने के कारण नाराज थे। दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी का दावा है कि इन विधायकों पर भाजपा और कांग्रेस का दबाव था, जिसके चलते उन्होंने पार्टी छोड़ी।
त्यागपत्र सोशल मीडिया पर वायरल
त्यागपत्र देने वाले अधिकांश विधायकों के इस्तीफे सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं। कस्तूरबा नगर से विधायक मदन लाल ने कहा कि उन्होंने छह अन्य विधायकों के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और विधानसभा अध्यक्ष को भी पत्र भेज दिया। इस्तीफा देने वालों में –
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भावना गौर (पालम)
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नरेश यादव (महरौली)
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रोहित महरौलिया (त्रिलोकपुरी)
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पवन शर्मा (आदर्श नगर)
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बीएस जून (बिजवासन)
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राजेश ऋषि (जनकपुरी)
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गिरीश सोनी (मादीपुर) शामिल हैं।
AAP नेताओं की प्रतिक्रिया
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं दिलीप पांडे और ऋतुराज झा ने इन इस्तीफों की आलोचना की। उन्होंने कहा कि उन्हें भी टिकट नहीं मिला, लेकिन वे पार्टी के सच्चे सिपाही हैं और नहीं छोड़ेंगे। झा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने उन्हें 10 साल तक विधायक बनाए रखा और आगे भी जिम्मेदारी देंगे।
भाजपा और कांग्रेस पर दबाव बनाने का आरोप
AAP नेताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा और कांग्रेस विधायकों को पद और प्रलोभन का लालच देकर पार्टी छोड़ने का दबाव बना रही हैं। ऋतुराज झा और दिलीप पांडे ने कहा कि भाजपा नेता उनसे संपर्क कर पद देने का वादा कर रहे थे, लेकिन उन्होंने पार्टी छोड़ने से इनकार कर दिया।
दिल्ली चुनाव से ठीक पहले हुए इस बड़े घटनाक्रम से AAP और BJP के बीच सियासी घमासान तेज हो गया है।
Author: Sweta Sharma
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