पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के शुरुआती रुझानों ने राज्य की राजनीति में बड़ा उलटफेर कर दिया है। मतगणना के शुरुआती चरण में एनडीए गठबंधन ने बहुमत की आवश्यक 122 सीटों के आंकड़े को पार कर लिया है, और सुबह 10:30 बजे तक भारतीय चुनाव आयोग (ECI) के अनुसार 172 सीटों पर बढ़त बनाई हुई थी। 243 सदस्यों वाली विधानसभा में यह बढ़त एनडीए के लिए बेहद उत्साहजनक मानी जा रही है।
रुझानों के मुताबिक, बीजेपी 73, जेडीयू 77, एलजेपी (RV) 18, और एचएएमएस 4 सीटों पर आगे चल रही है। दूसरी ओर, महागठबंधन अभी काफी पीछे है। राजद 42, कांग्रेस 7 और सीपीआई (एमएल) (एल) 5 सीटों पर आगे है, कुल मिलाकर महागठबंधन 54 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है।
मतगणना सुबह 8 बजे डाक मतपत्रों की गिनती से शुरू हुई और 8:30 बजे से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की गिनती शुरू की गई। पूरे राज्य में बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतगणना केंद्रों पर 243 रिटर्निंग अधिकारी और उतने ही गणना पर्यवेक्षक तैनात हैं। लगभग 18,000 से अधिक गणना एजेंट उम्मीदवारों की ओर से निगरानी कर रहे हैं।
मतगणना केंद्रों पर केवल वैध पासधारकों को ही प्रवेश की अनुमति है, और हॉल के अंदर मोबाइल फोन पूरी तरह प्रतिबंधित हैं।
राजनीतिक दलों में भी रुझानों को लेकर हलचल तेज है। एनडीए नेताओं ने विश्वास जताया है कि बिहार की जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “गारंटी” और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकास मॉडल को फिर से समर्थन दिया है। उनका दावा है कि जनता ने स्थिरता और विकास को प्राथमिकता दी है।
वहीं, महागठबंधन का कहना है कि जनता ने “परिवर्तन के लिए मतदान किया है” और उनके नेता तेजस्वी यादव आगामी सरकार बना सकते हैं। हालांकि अब तक के रुझान महागठबंधन के दावों से बिल्कुल विपरीत तस्वीर प्रस्तुत कर रहे हैं।
इस चुनाव में 70 लाख से अधिक मतदाताओं ने हिस्सा लिया। मतदान दो चरणों—6 और 11 नवंबर—में हुआ था। निवर्तमान विधानसभा में एनडीए के पास 131 सीटें थीं, जबकि विपक्ष के पास 111 सीटें थीं, ऐसे में यह चुनाव सत्ता के भविष्य को तय करने वाला महत्वपूर्ण मुकाबला माना जा रहा था।





