बिहार के बेगूसराय जिले में संदिग्ध परिस्थितियों में डॉक्टर और उनके कंपाउंडर की मौत का मामला सामने आया है। घटना ने इलाके में हड़कंप मचा दिया है। परिजनों का आरोप है कि दोनों की मौत जहरीली शराब पीने की वजह से हुई है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
मृतकों की पहचान
घटना चेरिया बरियारपुर थाना क्षेत्र के मैदा शाहपुर की है। मृतकों की पहचान डॉक्टर सी.सी. सिंह और उनके कंपाउंडर हरे राम तांती के रूप में हुई है।
आंखों की रोशनी जाने के बाद मौत
सिविल सर्जन डॉ. प्रमोद कुमार सिंह के अनुसार, हरे राम तांती को इलाज के लिए डॉक्टर सी.सी. सिंह के क्लीनिक लाया गया था। उस समय उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी। इसके कुछ समय बाद उनकी मौत हो गई। डॉक्टर सी.सी. सिंह की मौत भी संदिग्ध परिस्थितियों में हुई।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार
स्वास्थ्य विभाग की देखरेख में हरे राम तांती का पोस्टमार्टम कराया गया है। डॉक्टर सी.सी. सिंह का पोस्टमार्टम नहीं कराया गया। पुलिस ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत का सही कारण स्पष्ट हो सकेगा।
परिजनों का आरोप और पुलिस की जांच
परिजनों ने बताया कि हरे राम तांती शराब का सेवन करते थे। आशंका है कि जहरीली शराब पीने से उनकी मौत हुई है। वहीं, पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए लोगों का कहना है कि शराबबंदी के बावजूद बेगूसराय में जहरीली शराब का धंधा धड़ल्ले से चल रहा है।
पुलिस की प्रतिक्रिया
एसपी मनीष कुमार ने बताया कि दोनों मौतें संदिग्ध परिस्थितियों में हुई हैं। एक का पोस्टमार्टम हो चुका है, जबकि दूसरे के परिजनों से पूछताछ की जा रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि मामले की गहराई से जांच की जा रही है।
शराबबंदी के बावजूद जारी है मौतों का सिलसिला
बिहार में शराबबंदी लागू है, लेकिन इसके बावजूद जहरीली शराब से मौतें लगातार चिंता का विषय बनी हुई हैं। पुलिस और प्रशासन पर लगातार सवाल उठ रहे हैं कि अवैध शराब के नेटवर्क पर लगाम लगाने में वे असफल क्यों हो रहे हैं।

Author: Sweta Sharma
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