पटना। राजधानी पटना में बर्ड फ्लू का खतरा एक बार फिर बढ़ गया है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (आईसीएआर) परिसर में बर्ड फ्लू के मामलों की पुष्टि होने के बाद प्रशासन सतर्क हो गया है। सिविल सर्जन कार्यालय और जिला पशुपालन विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए संक्रमित मुर्गियों को जलाकर दफनाने की प्रक्रिया पूरी की। शनिवार को बड़ी संख्या में मुर्गियों को नष्ट किया गया ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।

सिविल सर्जन कार्यालय ने अस्पतालों को निर्देश दिया है कि प्रभावित इलाके के तीन किलोमीटर के दायरे में बुखार सर्वेक्षण (फीवर सर्वे) किया जाए। इसके अलावा, लोगों को सतर्क रहने और सावधानी बरतने के लिए जागरूक किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र में टेमिफ्लू और ओसेलामिवीर जैसी एंटीवायरल दवाओं का वितरण किया जाएगा, ताकि संक्रमण के खतरे को कम किया जा सके। इससे पहले, 27 फरवरी को जहानाबाद पुलिस लाइन के पास मृत कौओं में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी। वहीं, मुंगेर जिले के तेघड़ा गांव में गुरुवार को छह कौओं की संदिग्ध मौत के बाद डॉक्टरों की एक विशेष टीम गठित की गई है, जो जांच कर रही है। रिपोर्ट आने के बाद स्थिति और स्पष्ट होगी। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि संक्रमित पक्षियों से दूर रहें और किसी भी संदिग्ध मामले की सूचना तुरंत स्वास्थ्य विभाग को दें। बर्ड फ्लू के फैलाव को रोकने के लिए प्रभावित क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
Author: Sweta Sharma
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