“भारत दबाव की कूटनीति के आगे नहीं झुकेगा”
नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 25% टैरिफ और दंडात्मक शुल्क लगाने की घोषणा के बाद भारतीय राजनीतिक गलियारों में तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेताओं ने अमेरिका की इस नीति की कड़ी आलोचना की है और भारत की संप्रभुता पर समझौता न करने की बात दोहराई है।
भाजपा सांसद डॉ. संजय जायसवाल ने ट्रंप के इस कदम की तुलना 1998 के परमाणु परीक्षणों के बाद अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों से की। उन्होंने कहा, “जब अटल बिहारी वाजपेयी ने पोखरण में परमाणु परीक्षण किया, तब अमेरिका ने भारत पर प्रतिबंध लगाए थे। मगर भारत ने तब भी अपने संप्रभु हितों को सर्वोपरि रखा और वैश्विक दबाव को नजरअंदाज किया। आज भी वही नीति कायम है।” जायसवाल ने कहा कि भारत को अपनी विदेश नीति किसी तीसरे देश के निर्देश पर नहीं चलानी है और रूस से संबंधों को लेकर कोई समझौता नहीं होगा। उन्होंने अमेरिका को यह भी याद दिलाया कि वैश्विक समर्थन भारत के साथ है।
इसी क्रम में पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष और सांसद समिक भट्टाचार्य ने भी ट्रंप की रणनीति की आलोचना करते हुए कहा, “भारत 140 करोड़ लोगों का लोकतांत्रिक देश है, यह कोई केला-गणराज्य नहीं है। अमेरिका ने पहले भी प्रतिबंध लगाए थे, मगर अंततः उसे पीछे हटना पड़ा था। अगर अमेरिका भारत से खुद को अलग करता है, तो उसका ही नुकसान होगा।” भाजपा नेताओं की यह प्रतिक्रिया इस ओर इशारा करती है कि भारत दबाव की कूटनीति के आगे नहीं झुकेगा।
Author: Sweta Sharma
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