रावलपिंडी में खौफ का माहौल, पाकिस्तान घुटनों पर आया
भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया 4 दिनों की सैन्य झड़प ने दक्षिण एशिया में जबरदस्त तनाव पैदा कर दिया। यह आधी सदी में पहली बार हुआ जब भारत ने अत्याधुनिक हथियारों के साथ पाकिस्तान पर इतनी सटीक और तीव्र प्रतिक्रिया दी। रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल से पाकिस्तान के कई संवेदनशील ठिकानों को निशाना बनाया, जिसमें रावलपिंडी का नूर खान एयरबेस सबसे प्रमुख था।
इस हमले ने पाकिस्तान को झकझोर कर रख दिया। नूर खान एयरबेस, प्रधानमंत्री कार्यालय और सैन्य मुख्यालय से मात्र 10-15 मील की दूरी पर स्थित है और वहां से पाकिस्तान के सभी शीर्ष नेता और सेना प्रमुख उड़ान भरते हैं। इसी के आसपास पाकिस्तान की स्ट्रैटजिक फोर्स और न्यूक्लियर लॉन्च कमांड का बेस भी है।
ब्रह्मोस की ‘पिन-पॉइंट प्रिसिजन’
ब्रह्मोस मिसाइल की विशेषता इसकी सटीकता है। यह केवल टारगेट बिल्डिंग नहीं, बल्कि कमरे तक हिट कर सकती है। इसमें लगे हाइब्रिड नेविगेशन सिस्टम – GPS, भारत का NavIC और रूसी GLONASS – के कारण यह मिसाइल उड़ान के अंतिम क्षणों तक अपनी दिशा सुधार सकती है। रडार चकमा देने वाली इसकी गति Mach 3 है, जिससे यह दुश्मन के डिफेंस सिस्टम को पूरी तरह निष्क्रिय कर देती है।
भारत की रणनीतिक संयम
भारत के पास इतनी क्षमता थी कि वह न केवल नूर खान एयरबेस, बल्कि पाकिस्तान के पीएम ऑफिस, आर्मी हेडक्वार्टर और स्ट्रैटजिक विंग्स को मिनटों में खत्म कर सकता था। लेकिन भारत ने संयम बरतते हुए केवल सैन्य ठिकानों को ही लक्ष्य बनाया। यह स्पष्ट संदेश था कि भारत युद्ध नहीं चाहता, पर उसकी तैयारी हर स्तर पर पूर्ण है।
दुनिया का ध्यान और पाकिस्तान की घबराहट
न्यूयॉर्क टाइम्स जैसी अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने सैटेलाइट इमेज के ज़रिए बताया कि भारत के हमलों से पाकिस्तान को वास्तविक नुकसान हुआ है। पाकिस्तान को यह समझ में आ गया कि वह भारत की सैन्य शक्ति के आगे कितना असहाय है।
अब हाइपरसोनिक की बारी
भारत अब ब्रह्मोस-2 जैसे हाइपरसोनिक मिसाइलों की ओर बढ़ रहा है, जिनकी गति Mach 5+ होगी। ये मिसाइलें दुश्मन को सोचने का भी वक्त नहीं देंगी।

Author: Sweta Sharma
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