बसपा प्रमुख मायावती ने एक बैठक के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि बसपा हमेशा से गरीबों, शोषितों और पीड़ितों की पार्टी रही है। उन्होंने सभी से पार्टी के जनाधार को बढ़ाने के लिए मेहनत और एकजुटता बनाए रखने की अपील की।
इस अवसर पर मायावती ने केंद्र और यूपी सरकार पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई और पिछड़ेपन को रोकने में पूरी तरह विफल रही है। लोगों का ध्यान भटकाने के लिए सरकार विध्वंसक बुलडोजर राजनीति और जाति-धर्म आधारित विवादों को बढ़ावा देने की साजिश कर रही है।
मायावती ने सरकार पर जबरन हस्तक्षेप का भी आरोप लगाया, जिसमें धर्म परिवर्तन पर नए कानून, एससी-एसटी समाज के उपवर्गीकरण और क्रीमी लेयर की साजिश के जरिए उन्हें बांटने का प्रयास शामिल है। उन्होंने कहा कि जाति आधारित गणना से इनकार, मस्जिद-मदरसा संचालन और वक्फ संरक्षण में सरकारी दखलंदाजी की जा रही है।
इसके अलावा, मायावती ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आरक्षण से संबंधित दावों पर सवाल उठाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि आरक्षण का श्रेय बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर को जाता है, और कांग्रेस ने बाबासाहेब को संविधान सभा में जाने से रोकने की साजिश रची थी। उन्हें चुनाव में हराने और कानून मंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए भी मजबूर किया गया।

Author: Sweta Sharma
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