नई दिल्ली : सदन में अपनी बेंच के नीचे मिली नोटों की गड्डी पर राज्यसभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इस घटना को लेकर कहा कि यह एक अनौपचारिक और दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। उनका कहना था कि इस प्रकार की घटना पूरी संसद और राजनीति की छवि को नुकसान पहुँचाती है। उन्होंने इस मुद्दे पर कठोर शब्दों में निंदा की और कहा कि किसी भी सूरत में ऐसे कृत्य की निंदा की जानी चाहिए।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस मुद्दे पर जांच की आवश्यकता है ताकि यह पता चल सके कि यह नोटों की गड्डी किसी जानबूझकर की गई कार्यवाही का हिस्सा है या यह एक साधारण दुर्घटना थी।
इस तरह की घटनाएँ भारतीय राजनीति में विश्वास और पारदर्शिता के लिए चुनौती उत्पन्न करती हैं। अभिषेक मनु सिंघवी ने इस मामले को गंभीरता से लेने की बात की, ताकि जनता को यह विश्वास हो कि लोकतंत्र में ऐसे कृत्य बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।
अभिषेक मनु सिंघवी ने इस घटना को अत्यधिक गंभीर और निंदनीय बताया और इसे संसद की गरिमा के खिलाफ एक बड़ी चोट के रूप में देखा। उनका कहना था कि संसद में बैठकर अगर इस तरह की घटनाएँ होती हैं, तो यह लोकतांत्रिक संस्थाओं के प्रति विश्वास को कमजोर करने का काम करती हैं। यह भी कहा कि इस मुद्दे पर एक पूरी तरह से निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए, ताकि यह साफ हो सके कि नोटों की गड्डी वास्तव में कैसे और क्यों आई। यह मामला सिर्फ एक व्यक्तिगत गलती नहीं हो सकता, बल्कि इसके पीछे किसी बड़ी साजिश या मंशा को समझना जरूरी है।
सिंघवी ने यह भी संकेत दिया कि संसद में ऐसी घटनाएँ न केवल भ्रष्टाचार की संभावना को बढ़ाती हैं, बल्कि यह दिखाती हैं कि कुछ लोग अपने निजी लाभ के लिए सार्वजनिक संस्थाओं का दुरुपयोग करने में सक्षम हैं। उन्होंने इस मामले में सख्त कार्रवाई की आवश्यकता की बात की, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
सिंघवी ने यह स्पष्ट किया कि इस तरह के कृत्य संसद के भीतर न केवल कानून के उल्लंघन होते हैं, बल्कि यह संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन भी होते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस मुद्दे को गंभीरता से लेकर पूरी पारदर्शिता के साथ समाधान निकाला जाए।
यह घटना मीडिया और विपक्षी दलों के बीच भी चर्चा का विषय बन गई है, और अब इस पर सभी की नजरें हैं कि सरकार और सदन इस पर क्या कार्रवाई करती है।
