नई दिल्ली: मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोमवार को दिल्ली विधानसभा में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट में दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के घाटे का उल्लेख किया गया है और पूर्व सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए गए हैं। रिपोर्ट 2015-16 से 2021-22 की अवधि को कवर करती है और इसमें डीटीसी में व्यावसायिक और वित्तीय योजना की कमी को उजागर किया गया है। कैग रिपोर्ट में बताया गया कि 2015 से 2022 तक डीटीसी को लगभग 14,000 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। डीटीसी का बस रूट 814 से घटकर 468 हो गया, जिससे यात्रियों को असुविधा हुई। 3697 बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए 52 करोड़ रुपये खर्च किए गए, लेकिन प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो सका। रिपोर्ट के अनुसार, क्लस्टर बस ऑपरेटरों से 225 करोड़ रुपये का किराया वसूल नहीं किया गया। डीटीसी के पास 3,762 बसों का बेड़ा है, लेकिन इसके बावजूद निगम 8,498.35 करोड़ रुपये के घाटे में है | आम आदमी पार्टी का कहना है कि रिपोर्ट में किसी घोटाले का उल्लेख नहीं है और भाजपा झूठे आरोप लगा रही है। वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि आम आदमी पार्टी कैग रिपोर्ट से बचने के लिए विधानसभा से भागी। कैग ने सुझाव दिया कि डीटीसी को व्यावसायिक योजनाओं में सुधार, बसों की संख्या बढ़ाने और राजस्व स्रोतों को मजबूत करने की आवश्यकता है।
Author: Sweta Sharma
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