ओटावा। कनाडा की डिप्टी पीएम और वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे के पीछे प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के साथ नीतिगत टकराव को कारण बताया जा रहा है। फ्रीलैंड के इस्तीफे ने न केवल कनाडा की राजनीतिक दुनिया को हिलाकर रख दिया है, बल्कि यह ट्रूडो सरकार के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि फ्रीलैंड को एक मजबूत और विश्वसनीय नेता के रूप में देखा जाता था।
फ्रीलैंड और ट्रूडो के बीच रिश्ते काफी समय से तनावपूर्ण चल रहे थे, विशेष रूप से आर्थिक और विदेशी नीति के मामलों में। बताया जा रहा है कि फ्रीलैंड को सरकार की कुछ महत्वपूर्ण नीतियों, जैसे कि विदेशी व्यापार और पर्यावरण से संबंधित नीतियों पर असहमति थी। वह अक्सर कनाडा के व्यापारिक संबंधों को लेकर एक मजबूत और स्वतंत्र नीति की पक्षधर रही हैं, जबकि ट्रूडो का दृष्टिकोण थोड़ा अधिक लचीला और समझौते पर आधारित था।
फ्रीलैंड ने अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए यह कहा कि उन्हें अपने व्यक्तिगत और राजनीतिक विचारों में गहरे अंतराल का सामना करना पड़ा। उन्होंने स्वीकार किया कि वह सरकार के निर्णयों और नीतियों के साथ अपने विचारों में समझौता करने में असमर्थ थीं। उनकी यह स्थिति न केवल उनके लिए बल्कि ट्रूडो के नेतृत्व के लिए भी चुनौतीपूर्ण थी, क्योंकि फ्रीलैंड की छवि एक ऐसी नेता के रूप में स्थापित हो गई थी, जिन्होंने कनाडा को अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक महत्वपूर्ण स्थान दिलवाया था।
कनाडा की राजनीति में फ्रीलैंड का इस्तीफा एक बड़ी घटना मानी जा रही है, क्योंकि उनका कद पार्टी में बहुत ऊंचा था। उन्होंने विशेष रूप से कोरोना महामारी के दौरान अपनी वित्तीय नीतियों के जरिए कनाडा की अर्थव्यवस्था को संभालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अब यह देखना होगा कि ट्रूडो सरकार उनकी अनुपस्थिति में अपने नेतृत्व को कैसे संभालती है, और क्या इसके असर अगले चुनावों में दिखते हैं।
फ्रीलैंड का इस्तीफा ट्रूडो सरकार के लिए एक बड़ा संकेत है, कि आने वाले समय में पार्टी के भीतर नेतृत्व और नीतिगत दृष्टिकोण पर गंभीर चर्चा होने की संभावना है।





