Gonda Train Accident :-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस हादसे की वजह सामने आई है। जिस जगह पर हादसा हुआ, वहां चार दिन से बकलिंग (गर्मी में पटरी में फैलाव होना) हो रही थी। बकलिंग के कारण गुरुवार को 70 किमी. प्रति घंटा की गति से जा रही चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस बेपटरी हो गई थी।
सेक्शन के कीमैन स्नेह ने संबंधित सीनियर सेक्शन इंजीनियर और सहायक अभियंता को इसकी सूचना दी थी। पटरी को काटकर अलग करने की डिस्ट्रेस प्रक्रिया को किया ही नहीं गया। इसके लिए ब्लॉक न लेने का भी दबाव था। कीमैन ने रेलवे की गोपनीय जांच के दौरान तैयार किए गए संयुक्त नोट में अपना बयान दर्ज कराया है। रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग के ऊपर कार्रवाई हो सकती है।
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हादसे की जांच में साजिश का भी एंगल
रेलवे के सूत्रों के अनुसार, लोको पायलट त्रिभुवन ने दावा किया है कि उन्होंने धमाके की आवाज सुनी तो इमरजेंसी ब्रेक लगा दी। इसके बाद डिब्बे पटरी से उतर गए। रेलवे ने हादसे की जांच में साजिश के एंगल को भी शामिल कर लिया है। रेलवे ने
रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) को घटना की जांच के निर्देश दिए हैं।
केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह भी घटनास्थल पर पहुंचे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घायलों के समुचित उपचार के निर्देश दिए हैं। रेलवे ने मृतकों के स्वजन को दस लाख रुपये, गंभीर घायलों को ढाई लाख तथा घायलों को पचास हजार की मदद देने की घोषणा की है।
Author: Sweta Sharma
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