PCOS एक हार्मोनल विकार है, जिसका सही कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है, लेकिन कुछ प्रमुख कारण और कारक इसे प्रभावित कर सकते हैं। ये निम्नलिखित हैं:
1. हार्मोनल असंतुलन
एंड्रोजन हार्मोन का अधिक स्तर: PCOS में महिला शरीर में पुरुष हार्मोन एंड्रोजन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे अनियमित पीरियड्स, बालों का अधिक बढ़ना (हिर्सुटिज्म), और मुँहासे जैसी समस्याएं होती हैं।
इंसुलिन प्रतिरोध: PCOS वाली महिलाओं में अक्सर इंसुलिन की संवेदनशीलता कम हो जाती है, जिससे शरीर में इंसुलिन का स्तर बढ़ जाता है। यह एंड्रोजन उत्पादन को बढ़ावा देता है और ओवरी में सिस्ट्स का निर्माण कर सकता है।
2. विरासत (जेनेटिक) कारण
अगर परिवार में किसी महिला को PCOS है, तो इसके होने की संभावना अधिक होती है। यह एक आनुवांशिक विकार भी माना जाता है।
3. इंसुलिन प्रतिरोध
– जब शरीर इंसुलिन का सही उपयोग नहीं कर पाता, तो ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है, जिससे शरीर अधिक इंसुलिन उत्पन्न करता है। यह अतिरिक्त इंसुलिन ओवरी में अधिक एंड्रोजन के उत्पादन को प्रेरित कर सकता है, जो ओवरी में सिस्ट्स का कारण बनता है।
4. दूषित जीवनशैली और मोटापा
– मोटापा: मोटापे से पीड़ित महिलाओं में PCOS की संभावना बढ़ जाती है। मोटापा इंसुलिन प्रतिरोध और हार्मोनल असंतुलन को बढ़ावा देता है।
– खराब खान-पान: अधिक फैट और शुगर युक्त भोजन खाने से हार्मोनल संतुलन बिगड़ सकता है और इंसुलिन प्रतिरोध भी बढ़ सकता है।
5. सूजन (इन्फ्लेमेशन)
– PCOS वाली महिलाओं में अक्सर शरीर में हल्की सूजन (क्रोनिक इंफ्लेमेशन) देखी जाती है, जो ओवरी में एंड्रोजन के उत्पादन को बढ़ा सकती है और अन्य लक्षणों को गंभीर बना सकती है।
PCOS एक जटिल स्थिति है और इसके कारण व्यक्ति-व्यक्ति में भिन्न हो सकते हैं। उचित उपचार और जीवनशैली में सुधार करके इसके लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है।
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Author: Sweta Sharma
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