* पहली बार जातीय गणना भी होगी, 2026 से दो चरणों में होगी शुरुआत, 2027 तक पूरी होगी प्रक्रिया
नई दिल्ली। देश में आखिरकार 16 वर्षों बाद जनसंख्या की गणना कराई जाएगी। नियमानुसार यह जनगणना वर्ष 2021 में होनी थी, लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण इसे टाल दिया गया था। इससे पहले वर्ष 2011 में अंतिम बार जनगणना कराई गई थी। केंद्र सरकार ने अब न केवल जनगणना की तारीखों का एलान किया है, बल्कि पहली बार इसमें जातीय गणना को भी शामिल किया गया है।
सूत्रों के अनुसार, 1 अक्टूबर 2026 से देश में जनगणना की प्रक्रिया प्रारंभ होगी, जिसमें जनसंख्या के साथ जातियों की भी गणना की जाएगी। जनगणना इस बार दो चरणों में आयोजित की जाएगी। पहले चरण में पहाड़ी राज्यों—जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश—में 1 अक्टूबर 2026 से गणना शुरू होगी। वहीं, दूसरे चरण में देश के बाकी हिस्सों में यह प्रक्रिया 1 मार्च 2027 तक पूरी कर ली जाएगी।
गृह मंत्रालय के अनुसार, जनगणना अधिनियम 1948 की धारा 3 के तहत इस प्रक्रिया के लिए अधिसूचना 16 जून 2025 को राजपत्र में प्रकाशित की जाएगी। अधिसूचना जारी होते ही जनगणना की तैयारियां शुरू कर दी जाएंगी।

केंद्र सरकार का मानना है कि इस बार की जनगणना न केवल जनसंख्या के आंकड़े देगी, बल्कि जातिगत संरचना की गहराई से जानकारी उपलब्ध कराएगी, जो नीति निर्माण, योजनाओं के क्रियान्वयन और संसाधनों के न्यायपूर्ण वितरण के लिए बेहद महत्वपूर्ण होगी। इसके साथ ही राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को भी अद्यतन करने की प्रक्रिया इस दौरान चलाई जाएगी।
गौरतलब है कि जनगणना की प्रक्रिया वर्ष 1951 से प्रत्येक 10 वर्ष के अंतराल पर की जाती रही है। अब 2026-2027 में होने वाली जनगणना के बाद यह चक्र 2027-2037 और फिर 2037-2047 में परिवर्तित हो जाएगा।
* प्रमुख बिंदु :
– 16 साल बाद होगी जनगणना
– पहली बार जातीय जनगणना भी होगी शामिल
– दो चरणों में पूरी होगी प्रक्रिया
– अधिसूचना 16 जून 2025 को होगी जारी
– नीति निर्माण और संसाधन वितरण में मिलेगा बड़ा आधार
Author: Sweta Sharma
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