दिल्ली स्थित आश्रम में 17 छात्राओं के यौन शोषण का आरोपी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ स्वामी पार्थ सारथी को दिल्ली पुलिस ने आगरा के ताजगंज इलाके के एक होटल से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी बीते 27 सितंबर को शाम चार बजे होटल पहुँचा और उसे कमरा नंबर 101 आवंटित किया गया।
होटल में दिए अजीब निर्देश
होटल में ठहरते ही आरोपी ने कर्मचारियों को सख्त हिदायतें दी थीं कि बिना अनुमति कमरे में प्रवेश न करें। उसने कहा था कि केवल नहाए हुए लोग ही अंदर आ सकते हैं और चप्पल उतारकर कमरे में आना होगा। इन अजीबोगरीब नियमों की वजह से कर्मचारी भी उसके पास जाने से बचते रहे।
टैक्सी चालक से लगातार संपर्क
होटल में रहते हुए भी चैतन्यानंद अपने टैक्सी चालक के संपर्क में रहा। वह रातभर व्हाट्सएप कॉल पर उससे बात करता रहा और फलाहार मंगाने के लिए भी उसी के जरिए होटल के पास के रेस्तरां से संपर्क कराया। हालांकि, उसने होटल और खाने के बिल का भुगतान नहीं किया।
गिरफ्तारी की पूरी कहानी
दिल्ली पुलिस को आरोपी के होटल में होने की जानकारी मिली। 11 घंटे बाद पुलिस की टीम होटल पहुँची और सीधे कमरे में पहुँचकर उससे पूछताछ की। करीब 15 मिनट बाद आरोपी को हिरासत में ले लिया गया और दिल्ली ले जाया गया।
धोखाधड़ी और साक्ष्यों पर सवाल
जांच में सामने आया है कि आरोपी ने अपने बैंक खाते खुलवाते समय अलग-अलग दस्तावेजों का इस्तेमाल किया और प्राथमिकी दर्ज होने के बाद करीब 50 लाख रुपये निकाल लिए। पुलिस का कहना है कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहा है और अपने आईपैड तथा आईक्लाउड के पासवर्ड बताने से भी इनकार कर रहा है।
बीमारी और अदालत में बहाने
वकील ने अदालत में दलील दी कि चैतन्यानंद मधुमेह से पीड़ित है और उसे बैचेनी की समस्या रहती है। उन्होंने कहा कि पुलिस हिरासत की बजाय उसे न्यायिक हिरासत में रखा जाए। लेकिन पीड़िताओं के वकील का कहना है कि साक्ष्यों के सामने लाने और बयान दर्ज कराने के लिए पुलिस हिरासत जरूरी है।
स्वामी का फर्जीवाड़ा
62 वर्षीय आरोपी खुद को दार्शनिक, लेखक और प्रोफेसर बताता है। उसने दावा किया है कि वह 28 किताबें और 143 रिसर्च पेपर लिख चुका है। यहां तक कि उसने स्टीव जॉब्स और बराक ओबामा जैसे नामों से भी अपनी पुस्तकों का संबंध जोड़कर खुद को प्रसिद्ध बताने का प्रयास किया।
