तीस मार्च, रविवार से चैत्र नवरात्रि पर्व की शुरुआत होगी। इस बार दुर्गा भवानी माता हाथी पर सवार होकर आएंगी, जो सुख-समृद्धि और वैभव का प्रतीक माना जाता है। इस शुभ अवसर के लिए शहर के दुर्गा और काली मंदिरों में साफ-सफाई और रंग-रोगन का कार्य शुरू हो चुका है। भक्तजनों में अपार उत्साह देखा जा रहा है।
नवरात्रि में माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा विधि
- पहला दिन – माँ शैलपुत्री की पूजा
- दूसरा दिन – माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा
- तीसरा दिन – माँ चंद्रघंटा की पूजा
- चौथा दिन – माँ कुष्मांडा की पूजा
- पाँचवां दिन – माँ स्कन्दमाता की पूजा
- छठा दिन – माँ कात्यायनी की पूजा
- सातवां दिन – माँ कालरात्रि की पूजा
- आठवां दिन – माँ महागौरी की पूजा
- नौवां दिन – माँ सिद्धिदात्री की पूजा
साल में चार बार आती हैं नवरात्रियाँ
हर साल चार नवरात्रि पड़ती हैं, जिनमें से दो गुप्त नवरात्रि होती हैं और दो प्रत्यक्ष। चैत्र और शारदीय नवरात्रि को सभी लोग मनाते हैं, जबकि गुप्त नवरात्रि में साधक विशेष साधना करते हैं।
इस बार बन रहे हैं तीन शुभ योग
धर्मशास्त्री पंडित ओमप्रकाश शुक्ला और राममोहन चतुर्वेदी के अनुसार, इस बार चैत्र नवरात्रि पर विशेष शुभ योग बन रहे हैं:
- सर्वार्थ सिद्धि योग – 30 मार्च को शाम 4:35 बजे से अगले दिन सुबह 6:12 बजे तक रहेगा।
- इंद्र योग और रेवती नक्षत्र – यह भी शुभ फलदायी रहेगा।
- चार दिन रवियोग तथा तीन दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग रहेगा।
माँ का आगमन और प्रस्थान दोनों हाथी पर
इस बार माँ भगवती का आगमन और प्रस्थान दोनों ही हाथी पर होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता का हाथी पर आना और प्रस्थान करना शुभ माना जाता है, जो भक्तों के लिए समृद्धि और खुशहाली का संकेत देता है।

Author: Sweta Sharma
I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.