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Chhath Puja 2024: छठ पूजा 2024: खरना के प्रसाद के साथ शुरू होगा 36 घंटे का निर्जला व्रत, जानिए खास बातें

लोक आस्था के महापर्व छठ का आज दूसरा दिन है, जिसे खरना कहा जाता है। इस दिन माताएं पूरे दिन व्रत रखकर शाम को विशेष प्रसाद ग्रहण करती हैं और इसके बाद 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू करती हैं। बुधवार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को माताएं गुड़ और चावल की खीर बनाकर प्रसाद तैयार करेंगी। पूजा विधि पूरी करने के बाद महिलाएं प्रसाद ग्रहण करती हैं, जिससे व्रत का अगला चरण आरंभ होता है।
शुभ मुहूर्त और पूजा का महत्व
इस वर्ष खरना का शुभ मुहूर्त शाम 5:29 बजे से 7:48 बजे तक का है। इस दौरान पूर्वाषाढ़ नक्षत्र और सुकर्मा योग बन रहा है, जिसे ज्योतिषाचार्य अत्यंत शुभ मानते हैं। इन योगों में पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और व्रतियों को विशेष फल प्राप्त होता है।

प्रसाद बनाने की विशेष विधि
खरना के प्रसाद के रूप में गुड़ और चावल की खीर बनती है, जिसे आम की लकड़ी से जलाए गए मिट्टी के चूल्हे पर तैयार किया जाता है। प्रसाद तैयार होने के बाद उसे छठी मैया का भोग लगाया जाता है, जिसके बाद व्रती इसे ग्रहण करते हैं। इस पूजा के बाद 36 घंटे के निर्जला व्रत की शुरुआत होती है, जो छठ पर्व की साधना में एक महत्वपूर्ण चरण है।
पहला और दूसरा अर्घ्य कब है?
छठ पूजा के तीसरे दिन व्रती अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देते हैं, जो इस बार गुरुवार, 7 नवंबर को होगा। व्रती नदी या तालाब में खड़े होकर बांस के सूप में फल, गन्ना, ठेकुआ, चावल के लड्डू और अन्य सामग्री रखकर सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करेंगे।
चौथे और अंतिम दिन, शुक्रवार, 8 नवंबर को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इस दिन व्रती अपने उपवास का पारण करते हैं और अपने परिवार तथा संतान की लंबी आयु और समृद्धि की कामना करते हैं।
Sweta Sharma
Author: Sweta Sharma

I am Sweta Sharma, a dedicated reporter and content writer, specializes in uncovering truths and crafting compelling news, interviews, and features.

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